उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, 89 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

Former Uttar Pradesh Chief Minister Kalyan Singh passes away at 89 in Lucknow
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, 89 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
नहीं रहे बाबू जी उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह का निधन, 89 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

डिजिटल डेस्क, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (बाबूजी) नहीं रहे। उन्होंने 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI अस्पताल में अंतिम सांस ली। यूपी के पूर्व सीएम और राज्यपाल रहे कल्याण सिंह करीब 48 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। उनकी हालत गंभीर थी। 21 जून को उन्हें सांस की तकलीफ होने पर लखनऊ के लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया था। लेकिन, तबीयत में कोई सुधार न होने की वजह से 4 जुलाई को उन्हें PGI शिफ्ट किया गया था। बता दें कि कल्याण सिंह की अंतिम इच्छा राममंदिर के दर्शन करना थी। लेकिन, उनकी ये इच्छा पूरी नहीं हो पाई।

कल्याण सिंह का राजनीतिक सफर 

  • कल्याण सिंह का जन्म 5 जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली तहसील के मढ़ौली गांव में हुआ था। 
  • कल्याण सिंह 1967 में पहली बार अतरौली से विधायक चुने गए थे। 
  • कल्याण सिंह 10 बार विधायक चुने गए। 
  • कल्याण सिंह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
  • कल्याण सिंह पहली बार 24 जून 1991 में मुख्यमंत्री बने थे। उनका पहला कार्यकाल 6 दिसंबर 1992 तक रहा। 
  • कल्याण सिंह दूसरी बार 21 सितंबर 1997 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उनका दूसरा कार्यकाल 12 नवंबर 1999 तक रहा। 
  • कल्याण सिंह भाजपा के उत्तर प्रदेश में पहले मुख्यमंत्री भी थे। 
  • कल्याण सिंह 4 सितंबर 2014 से 8 सितंबर 2019 तक राजस्थान के राज्यपाल रहे। 
  • कल्याण सिंह 2019 में कल्याण सिंह ने फिर भाजपा की सदस्यता ली। 
  • कल्याण सिंह ने एक साल के अंदर ही भाजपा को उस मुकाम पर लाकर खड़ा कर दिया कि पार्टी ने 1991 में अपने दम पर यूपी में सरकार बना ली।
  • अटल बिहारी वाजपेयी के बाद जनता कल्याण सिंह के भाषण सुनने के लिए बेताब रहते थे। 
  • कल्याण सिंह राम मंदिर आंदोलन का मुख्य चेहरा थे, उन्होंने अयोध्या में जाकर राम मंदिर बनाने की शपथ ली थी। 
  • कल्याण सिंह की पहचान हिंदुत्ववादी और प्रखर वक्ता के तौर पर थी। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल्याण सिंह के निधन पर श्रद्धांजलि दी, श्रीकल्याण सिंह जी के निधन से मैं दुखी हूं। वे राजनेता, ज़मीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे। उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है। उनके पुत्र राजवीर सिंह से बात हुई और संवेदना व्यक्त की

 

केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कल्याण सिंह के निधन पर ट्वीट करते हुए लिखा, हमारे वरिष्ठ नेता आदरणीय कल्याण सिंह जी के निधन का समाचार सुनकर अत्यंत व्यथित हूं। जनसंघ और भाजपा को उत्तर प्रदेश में खड़ा करने में कल्याण सिंह जी का सबसे महत्वपूर्ण योगदान रहा है। विचारधारा के प्रति दृढ़ कटिबद्धता के आगे सत्ता कितनी गौण है, यह सीख  कल्याण सिंह जी ने हम सभी को दी। समर्पित राम भक्त , जमीन से जुड़े सच्चे जन-नेता कल्याण सिंह जी को मेरी भावभीनी श्रद्धांजलि।

 

कल्याण सिंह के निधन पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा,  कल्याण सिंह जी उ. प्र. ही नहीं भारतीय राजनीति की वह क़द्दावर हस्ती थे, जिन्होंने अपने व्यक्तित्व एवं कृतित्व से देश और समाज पर एक अमिट छाप छोड़ी। उनका लम्बा राजनीतिक जीवन जनता-जनार्दन की सेवा में समर्पित रहा। वे उत्तर प्रदेश के अत्यंत लोकप्रिय मुख्यमंत्री के रूप में जाने गए। जनसंघ के समय से ही उन्होंने भाजपा को मज़बूत बनाने और समाज के हर वर्ग तक पहुँचाने  के लिए कड़ी मेहनत  की। श्रीरामजन्मभूमि आंदोलन में भी उनकी महती भूमिका के लिए उन्हें यह देश हमेशा याद रखेगा। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए बड़ी क्षति है और मेरे लिए तो यह बहुत ही पीड़ादायक क्षण है।श्री कल्याण सिंह जी के निधन से मैंने अपना बड़ा भाई और साथी खोया है। उनके निधन से आई रिक्तता की भरपाई लगभग असम्भव है। ईश्वर उनके शोक संतप्त परिवार को दुःख की इस कठिन घड़ी में धैर्य और संबल प्रदान करे। ओम शान्ति!

 

 

 

 

लोकसभा सभापति ओम बिरला ने ट्वीट करते हुए लिखा, कल्याण सिंह जी के निधन से आज हमने एक ऐसा विराट व्यक्तित्व खो दिया जिसने अपने राजनीतिक कौशल, प्रशासकीय अनुभव और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से राष्ट्रीय स्तर पर एक अमिट छाप छोड़ी। वे वंचित वर्ग के उत्थान और सभी वर्गों के कल्याण को समर्पित रहे। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें।अपनी सहजता व सरलता के कारण वे जनता में लोकप्रिय थे। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने प्रदेश के विकास को नई गति दी। राजस्थान व हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल के तौर पर उनके सुदीर्घ अनुभव का लाभ दोनों राज्यों को भी मिला। उनका निधन राजनीति के एक युग का अंत है।

 

 

Created On :   21 Aug 2021 9:48 PM IST

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