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नौकरी लगाने के नाम पर पूर्व चपरासी ने लोगों को ठगा
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नौकरी के नाम पर लोग आंख बंद कर किसी पर भी भरोसा कर लेते हैं। नौकरी लगाने के नाम पर वेकोलि में कार्यरत एक पूर्व चपरासी पर भरोसा कर कुछ लोग अपनी जमा पूंजी गंवा बैठे। वेकोलि में नौकरी लगाने का झांसा देकर मां-बेटे द्वारा कई लोगों को ठगे जाने का मामला उजागर हुआ है। नौ पीड़ितों की शिकायत पर गिट्टीखदान थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है, लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस ने उसके घर में दबिश भी दी ,लेकिन आरोपी फरार हैं। आरोपियों की पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही है।
नौकरी से हटाया भी था
आरोपी विनोद मानिकराव वानखेडे (30) और उसकी मां लक्ष्मी माणिकराव वानखेड़े (50) वेकोलि कालोनी निवासी हैं, जबकी पीड़ित आटो रिक्शा चालक अजय किसन बागड़े (49)और उसके कुछ रिश्तेदार तथा अन्य लोग हैं। कुल नौ लोगों की शिकायत पुलिस के पास पहुंची है। विनोद पहले वेकोलि में चपरासी था। वेकोलि के लेटरपैड पर फर्जी नियुक्ति-पत्र बनाकर बेरोजगाराें को नौकरी के आड़ में ठगे जाने की जानकारी मिलते ही उसे वेकोलि प्रबंधन ने नौकरी से हटा दिया है। उनके झांसे कोई और न आए, इसलिए वेकोलि की ओर से स्थानीय अखबारों में जाहिर नोटिस भी प्रकाशित कराया गया था। इसके बाद भी विनोद और उसकी मां बेरोजगारों को ठगते रहे हैं।
ऐसे बढ़ी पहचान
दर्ज शिकायत में अजय ने बताया कि 10 नवंबर 2018 को वह एक बार विनोद की मां लक्ष्मी और बहन को अपने आटो रिक्शे से छोड़ने गया था। उस समय लक्ष्मी और उसकी पुत्री ने अजय का यह कहकर मोबाइल नंबर लिया था कि उन्हें हमेशा आटो की जरुरत पड़ती है। फोन नंबर मिलने के बाद वह अक्सर अजय को बुलावा भेजते थे और वह उन्हें लेने पहुंच जाया करता था। इसी बीच, उसकी विनोद से भी जान-पहचान हो गई। इसी दरमियान विनोद ने उसे बताया कि वेकोलि में बड़े अधिकारियों से उसकी अच्छी जान-पहचान है। वह किसी को भी नौकरी दिला सकता है। उस समय विनोद वेकोलि में ही कार्यरत था।
झांसे में आते गए लोग
झांसे में आए अजय ने पुत्री के लिए नौकरी दिलाने की बात विनोद से की। फिर उसका दामाद भी इसके लिए तैयार हो गया। बाकी परीचितों ने भी विनोद को नौकरी के लिए रुपए दिए। इस तरह से नौ लोगों को 3 लाख 60 हजार रुपए से ठगा गया है। जांच अधिकारी एस.एस.गायकवाड़ ने पीड़ितों की संख्या और ठगी की रकम बढ़ने की आशंका जताई है। जांच जारी है।
आउटडेटेड चेक पीड़ितों को थमाया
जब पीड़ित वेकोलि पहुंचे तो उन्हें दिया गया नियुक्ति-पत्र फर्जी होने का खुलासा हुआ। रुपए वापस लेने के लिए पीड़ितोें ने विनोद और उसकी मां के पीछे तगादा लगाया तो उन्हें गाली-गलौज कर लक्ष्मी और विनोद की पत्नी ने घर से भगा दिया। इस बीच विनोद ने मां लक्ष्मी के नाम से समय आउटडेटेड बैंक आफ इंडिया के चेक उन्हें थमा दिए थे।
Created On :   23 April 2019 11:17 AM IST