कूप कटाई से जंगल सहकारी संस्थाओं को मिलेगा लाखों का राजस्व

Forest cooperatives will get lakhs of revenue from well harvesting
कूप कटाई से जंगल सहकारी संस्थाओं को मिलेगा लाखों का राजस्व
बैठक में दी जानकारी कूप कटाई से जंगल सहकारी संस्थाओं को मिलेगा लाखों का राजस्व

 डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली।  आदिवासी बहुल गड़चिरोली जिले में कार्यरत 26 जंगल सहकारी संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्र के मजदूरों को आर्थिक संकटों से उबारने के लिए प्रति वर्ष कूप कटाई का कार्य इन संस्थाओं को प्रदान किया जाता है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए वनविभाग ने उक्त संस्थाओं के लिए 38 कुप कटाई का कार्य प्रदान किया है। इस कार्य से 26.22 करोड़ रुपयों का राजस्व निर्धारित िकया गया है। इसमें से 20 प्रतिशत राशि संस्थाओं को मिलेगी। हाल ही में गड़चिरोली के मुख्य वनसंरक्षक डाॅ.किशोर मानकर ने मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय में विशेष बैठक लेकर उक्त संस्थाओं को आगामी वर्ष के लिए 38 कूप कटाई का कार्य प्रदान किया गया है। इन कूपों से 9356.937 घनमीटर लकड़ों की कटाई अपेक्षित की गयी है। इस कार्य से वनविभाग को 26.22 करोड़ रुपयों का राजस्व प्राप्त होगा। जबकि यह कार्य करने के लिए इस राजस्व से 20 प्रतिशत हिस्सा जंगल कामगार सहकारी संस्थाओं को प्रदान किया जाएगा। 

 विशेष बैठक में वीडियो कॉन्फ्रेिसंग के जरिए प्रधान मुख्य वनसंरक्षक जीतसिंह, आलापल्ली के उपवनसंरक्षक राहुलसिंह टोलिया, देसाईगंज के उपवनसंरक्षक धर्मवीर सालविट्ठल, जिला संघ के सचिव पी. के. झोडे समेत जंगल कामगार सहकारी संस्थाओं के पदाधिकारी शामिल हुए थे।पिछले पांच वर्षों के मुकाबले इस वर्ष सर्वाधिक कार्य संस्थाओं को बांटे गए हंै। कूप कटाई के यह कार्य आगामी कुछ ही दिनों में आरंभ हाेने के आसार होकर लंबे समय बाद कार्य मिलने से संस्थाओं के पदाधिकारियों समेत परिसर के मजदूरों ने हर्ष व्यक्त किया है। बता दें कि, वर्ष 1947 में राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री स्व. बालासाहब खैर ने जंगल कामगार सहकारी संस्थाओं को मजबूती प्रदान करने का फैसला लिया था। वनविभाग के तहत कूप कटाई के साथ अन्य प्रकार के कार्य इन संस्थाओं को देने का निर्णय लिया गया। इस निर्णय के तहत समूचे राज्य में इन संस्थाओं का गठन किया गया। गड़चिरोली जिले में इस तरह की कुल 26 जंगल कामगार संस्थाएं कार्यरत है। इन संस्थाओं को प्रति वर्ष वनविभाग द्वारा विभिन्न प्रकार के कार्य सौंपे जाते है, मात्र पिछले डेढ़ वर्षों से कोरोना महामारी के कारण कार्य वितरण अधर में था। वर्तमान में कोरोना संकट काफी हद तक कम होने के कारण सभी संस्थाओं ने वनविभाग में आवेदन पेश कर कार्यों की मांग की। 

Created On :   28 Dec 2021 2:42 PM IST

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