नागपुर के तालाबों पर आने लगे विदेशी पक्षी

Foreign birds started coming to the ponds of Nagpur
नागपुर के तालाबों पर आने लगे विदेशी पक्षी
खूबसूरत पक्षियों का करलव नागपुर के तालाबों पर आने लगे विदेशी पक्षी

डिजिटल डेस्क,नागपुर। शीतकाल का मौसम शुरू होते ही शहर के तालाबों पर विदेशी पक्षियों का आगमन शुरू हो गया है। कलरव करते ये खूबसूरत पक्षी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनने लगे हैं। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, लेसर विस्टलिंग डग, बार हेडेड गीज, रुडी शेलडक, ग्रेलेग गीस, नॉरदन पीन्टल, टफडेड डक, कॉमन पोचार्ड, गार्गनेय, युराशियन विजन, गाडवाल, नॉरदन शॉवेलर जैसे विदेशी पक्षी यहां आते हैं। फिलहाल अभी तक अभी तक नॉरदन पिंटल, लेसर विस्टलिंग डग ही पहुंचे हैं। अन्य प्रजाति के पक्षी दो-चार दिनों में यहां नजर आने लगेंगे।  यह पक्षी हर साल अंबाझरी, गोरेवाड़ा, सायकी, पारडगांव, उंदरी आदि तालाबों पर बड़ी संख्या में आते हैं। 

हजारों किमी की तय करते हैं दूरी
यह विदेशी पक्षी साइबेरिया, मंगोलिया, रशिया आदि जगहों से लगभग साढ़े चार हजार किलोमीटर का सफर तय कर विदर्भ के तालाबों तक पहुंचते हैं। इसका मुख्य कारण यहां पर्याप्त मात्रा में उनके लिए भोजन उपलब्ध होना बताया जाता है।

एवरेस्ट पार कर आएंगे पट्टकदम हंस
 इन पक्षियों में पट्टकदम हंस नामक पक्षी हैं, जो हर साल एवरेस्ट पर्वत को पार कर नागपुर के दायरे में आते हैं। पक्षी विशेषज्ञों के अनुसार यह पक्षी हजारों किमी के सफर के साथ एवरेस्ट को पार कर यहां आते हैं। हालांकि अभी तक वह पहुंच नहीं पाए हैं। 

फरवरी तक लौट जाते हैं
नागपुर जिले में छोटे-बड़े करीब 50 तालाब हैं। जंगली क्षेत्र के आस-पास बने इन तालाबों पर हर साल ठंड में विदेशी पक्षी दस्तक देते हैं। नवंबर की शुरुआत में आकर फरवरी के आखिर में यह लौट जाते हैं। उक्त सभी प्रजाति के यह पक्षी यहां खाने की तलाश में आते हैं, क्योंकि जहां से यह पक्षी यहां आते हैं, वह क्षेत्र अक्टूबर के बाद बर्फ से ढंक जाते हैं। ऐसे में पक्षियों को वहां खाना न के बराबर मिलता है, इसलिए यह हजारों किमी का सफर तय कर इस क्षेत्र में आते हैं।

तालाबों पर आगमन शुरू है
शहर के तालाबों पर विदेशी पक्षियों का आना शुरू हो गया है। रेड क्रिस्टेड पोचार्ड, नॉरदन पिंटल ने यहां दस्तक दे दी है। यह पक्षी मंगोलिया, रशिया व साइबेरिया से यहां खाने की तलाश में आते हैं। बार हेडेड गीज अभी रविवार तक पहुंच सकते हैं।  
अविनाश लोंढे, पक्षी प्रेमी  (विशेषज्ञ)

Created On :   12 Nov 2021 10:18 AM IST

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