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विदर्भ बाढ़ आयोग के समक्ष आयी शिकायतों की "बाढ़'
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। पिछले 2 वर्ष में जिले में आयी बाढ़ के कारण किसानों की फसलों के नुकसान के साथ आम नागरिकों के नुकसान की जानकारी लेने पहुंची विदर्भ बाढ़ आयोग की टीम के समक्ष स्थानीय किसानों ने शिकायतों का ढेर लगा दिया। इस समय सिरोंचा तहसील के मेडीगड्डा प्रभावित किसानों समेत अन्य अतिवृष्टिग्रस्त किसानों ने विभिन्न प्रकार की शिकायतें आयोग के समक्ष रखते हुए उनके निवारण की मांग की। इस समय आयोग के अधिकारियों ने सारी समस्याओं को गंभीरता से लेते हुए इस पर अध्ययन कर तैयार होने वाली रिपोर्ट को सरकार के समक्ष पेश करने की जानकारी दी है। महाराष्ट्र किसान सभा द्वारा गठित की गयी विदर्भ बाढ़ आयोग की टीम में आयोग के अध्यक्ष डा. श्रीनिवास खांदेवाले, पर्यावरण विशेषज्ञ भंड़ारा के मनीष राजनकर, जल विशेषज्ञ पुणे के प्रदीप पुरंदरे, वरिष्ठ पत्रकार नागपुर के प्रभाकर कोंडबत्तूनवार, फीड के संचालक यवतमाल के कौस्तूभ पांढरीपाने, डा. गुणवंत वडपल्लीवार आदि प्रमुखता से उपस्थित थे। सोमवार की दोपहर 3 बजे से शाम 5 बजे किसानों की समस्याएं आयोग ने स्वीकार की।
इस समय जिले के अतिवृष्टिग्रस्त किसानों ने अपनी शिकायतों में बताया कि, इस वर्ष खरीफ सत्र के शुुरुआती दौर में ही मूसलाधार बारिश ने धान की फसलों को बर्बाद कर दिया। राज्य सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए स्थानीय प्रशासन ने नुकसान सर्वेक्षण का कार्य किया। लेकिन नुकसानग्रस्त किसानों को नुकसान के ऐवज में पर्याप्त वित्तीय मदद अब तक नहीं मिल पायी है। जिन किसानों के नाम पर सात-बारा प्रमाणपत्र नहीं हैं, एेसे किसानों को भी वित्तीय मदद देने का आरोप नुकसानग्रस्त किसानों ने लगाया। इस बीच मेडीगड्डा प्रभावित किसानों ने भी दर्जनों शिकायतों का ज्ञापन आयोग के समक्ष पेश किया। इस समय महाराष्ट्र राज्य किसान सभा के राज्य उपाध्यक्ष डा. महेश कोपुलवार, अखिल भारतीय रिपब्लिकन पार्टी के केंद्रीय उपाध्यक्ष रोहिदास राऊत, किसान कामगार पक्ष के जिला सचिव रामदास जराते, भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव देवराव चवडे, एड. जगदीश मेश्राम, बहुजन रिपब्लिकन सोशालिस्ट पार्टी के जिला प्रभारी राज बन्सोड, मार्क्सवादी पार्टी के जिला सचिव अमोल मारकवार, शेकाप के हेमंत डोर्लीकर, कैलास शर्मा, प्रतिक डांगे आदि ने भी आयाेग के समक्ष किसानों की समस्याएं पेश की। आयोग के अधिकारियों ने किसानों की सारी मांगों पर गंभीरता से विचार करते हुए एक रिपोर्ट तैयार कर इसे सरकार को सौंपने का निर्णय लिया है।
Created On :   6 Dec 2022 2:27 PM IST