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क्षेत्र में पांच बाघ, गश्त करने एक भी वाहन नहीं पेंच पार्क से लगे क्षेत्र में लगातार मिल रही लोकेशन, वनकर्मी बेबस
डिजिटल डेस्क,छिंदवाड़ा/चौरई। सिवनी छिंदवाड़ा जिले की सीमा पर स्थित पेंच नेशनल पार्क में साल दर साल बाघों की संख्या बढ़ रही है। पार्क से बाघ निकलकर बफर जोन में आ रहे हैं। बफर जोन से सटे चौरई और चांद के जंगल में इन दिनों पांच से अधिक बाघ की मौजूदगी बनी हुई हैं। वन विभाग इसकी पुष्टि भी कर रहा है लेकिन वन अमले के पास गश्त करने के लिए एक वाहन भी नहीं है। वन कर्मचारी दुपहिया वाहनों से घूमकर बाघों की सुरक्षा के लिए कवायद कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक चौरई के बफर जोन से लेकर चांद तक पांच बाघों की मौजूदगी बनी हुई है। सीताझिर के पास से लेकर हरदुआ के बीच एक बाघिन और उसका शावक मौजूद है। इसके साथ ही एक शावक को कुएं से रेस्क्यू कर वन बिहार भेज दिया था। उसके बाद से बाघिन और उसका एक अन्य शावक क्षेत्र में चहलकदमी कर रहा है। इधर सांख पेट्रोल पंप से ग्रेटिया के बीच एक नर बाघ बीते एक माह से नजर आ रहा हैं। इन तीन बाघों के अलावा चांद के मेघदौन से लेकर लालगांव पतलोन तक एक अन्य बाघ नजर आ आ रहा है। बीते दिनों सडक़ पर एक बाघ लगभग आधा घंटे बैठे रहा था। पांचवा बाघ आमाझिरी बीट में पिछले छह महीने से मौजूद है। एक साथ पांच से अधिक बाघ होने के बाद भी वन अमला यहां पर गश्त पर ध्यान नहीं दे पा रहा है।
दोपहिया वाहन से हो रही गश्त
पेंच पार्क से सटे चौरई क्षेत्र में काले हिरणों की संख्या बहुतायात है। इनके संरक्षण के लिए सांख चौकी को एक वाहन दिया गया था, वह भी खराब होकर जिला मुख्यालय में खड़ा है। रेंजर के वाहन का उपयोग वह खुद करते हैं। वाहन नहीं होने से अमले को बाघों की सूचना मिलने पर दुपहिया वाहन से दौडऩा पड़ता है। कर्मचारियों के मुताबिक सांख से चांद के ग्रामीण अंचलों तक 30 किलोमीटर तक जाना पड़ रहा हैं।
करंट लगाकर किया था शिकार
अक्टूबर माह में बाघ का सांख सर्किल के ग्रामीण अंचल में शिकार किया गया था। इसके बाद भी वन अमला बाघों की सुरक्षा को लेकर जागरूक नहीं है। बाघों की बढ़ती मौजूदगी से ग्रामीण अंचलों में भी लोग परेशान हैं। जंगल से लगे गांव में तो हर दूसरे दिन बाघ की मौजूदगी से शिकार के मामले बढ़ते जा रहे हैं।
इनका कहना है......
वाहन के खराब होने के कारण उसे जिला मुख्यालय भेजा गया है। बाघों की लोकेशन को देखते हुए लगातार गश्त की जा रही हैं।
-हीरालाल सनोडिया, रेंजर
Created On :   2 Dec 2022 8:42 PM IST