पूर्व क्रिकेटर प्रशांत वैद्य व भाई-भाभी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज, 2.40 करोड़ का लगाया चूना

FIR against former cricketer prashant vaidya and his brother
पूर्व क्रिकेटर प्रशांत वैद्य व भाई-भाभी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज, 2.40 करोड़ का लगाया चूना
पूर्व क्रिकेटर प्रशांत वैद्य व भाई-भाभी पर धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज, 2.40 करोड़ का लगाया चूना

डिजिटल डेस्क, नागपुर । भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व तेज गेंदबाज प्रशांत श्रीधर वैद्य, उनके भाई और भाभी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला पांचपावली थाने में दर्ज किया गया है। प्रशांत वैद्य, प्रफुल श्रीधर वैद्य और वर्षा प्रफुल पर आरोप है कि इन तीनों आरोपियों ने बैंक ऑफ बड़ौदा को करीब 2.40 करोड़ रुपए का चूना लगाया है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, पुष्पकुंज कॉम्प्लेक्स, न्यू सेंट्रल बाजार रोड, रामदासपेठ निवासी प्रशांत वैद्य और उनके भाई और भाभी के खिलाफ पांचपावली पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। प्रशांत वैद्य विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष हैं।  

मामला इस प्रकार 
प्रशांत वैद्य के भाई प्रफुल ने भूपति स्टील कंपनी  शुरू किया। इसमें प्रशांत को भी संचालक बनाया। 1 अप्रैल 2013 को आरोपी भूपति स्टील कंपनी के प्रोप्राइटर प्रफुल वैद्य ने पांचपावली थानांतर्गत रानी दुर्गावती चौक स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा से करीब 2 करोड़ 40 लाख रुपए के व्यावसायिक कर्ज के लिए आवेदन किया। उस समय स्टील कैरियर साझेदार आरोपी प्रफुल और आरोपी प्रशांत ने जमानत के तौर पर द्रुगधामना क्षेत्र के  7/12 पर 12 (अ) और 8 (अ) में खसरा क्रमांक 72/1 में 1.75 हेक्टेयर जमीन को अपना बताते हुए उसके सभी दस्तावेज बैंक में जमा कराया। इसमें जमानतदार वर्षा वैद्य भी थीं।

जमीन पर विवाद है
इस जमीन का विवाद शुरू है और मामला अदालत में विचाराधीन है। इस जमीन के मूल  मालिक संतोष बडवे हैं। यह जमीन उनके बेटे ज्ञानेश्वर संतोष बडवे के नाम पर है। प्रफुल वैद्य  स्टील कैरियर कंपनी में साझेदार रहने के समय संतोष बडवे से  खसरा क्रमांक 72/1 की जमीन खरीदने का दावा किया है। इस दौरान तत्कालीन बैंक प्रबंधक वामन हेडाऊ ने 2 करोड़ 40 लाख रुपए कर्ज मंजूर किया। इसके लिए भूपति स्टील कंपनी के नाम पर ओवर ड्राफ्ट बैंक खाता खोला गया था। उस बैंक खाते से समय- समय पर पैसे निकाले गए और 12 अप्रैल 2016 को वह खाता बंद हो गया। 

असलियत सामने आई
खाता बंद होने के बाद व कर्ज की रकम बैंक को वापस नहीं किए जाने पर जमीन के दस्तावेजों की छानबीन की गई। छानबीन में यह बात सामने आई कि उक्त जमीन दूसरे के नाम पर है और उसका अदालत में विवाद शुरू है। इस मामले की प्रथम शिकायत आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग के पास की गई। आर्थिक अपराध शाखा पुलिस विभाग ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की, तब बैंक ने  न्यायालय में गुहार लगाई। प्रथमश्रेणी न्यायदंडाधिकारी के आदेश पर अपराध दर्ज कर लिया है। 

बढ़ सकती है आरोपियों की संख्या
इस प्रकरण में आरोपियों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। बैंक के  वकील अनिल किनारखेडे के मार्फत प्रथम श्रेणी न्यायदंडाधिकारी की अदालत में आवेदन किया गया। बैंक प्रबंधक  रोशन गोपीचंद बागड़ (55)  रामदेवबाबा कॉम्प्लेक्स, नवीन सुभेदार ले-आउट की शिकायत पर पांचपावली पुलिस ने उक्त आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। 

इन दो कारणों से कई लोगों की भूमिका संदेहास्पद 
भूपति स्टील कंपनी को करोड़ों रुपए का कर्ज मंजूर करने के लिए कई लोगों की भूमिका संदेहास्पद मानी जा रही है। 
1. बैंक के अधिकारियों को करोड़ों रुपए मंजूर करते समय पहले जमीन के दस्तावेजों की जांच पड़ताल करनी चाहिए थी। तत्कालीन लोन फैक्ट्री के मुख्य प्रबंधक वामन हेडाऊ, बैंक के प्रबंधक घाडेपागे आैर जमीन की जांच रिपोर्ट (सर्च रिपोर्ट) प्रस्तुत करने वाले बैंक के वकील विजय पेटकर की भूमिका संदेहास्पद मानी जा रही है। 
2.हेडाऊ ने कर्ज मंजूर करने के बाद घोडपागे ने कंपनी को ओवर ड्राफ्ट खाता का उपयोग करने की अनुमति दी। विजय पेटकर ने जांच किए बिना ही कर्ज मंजूर करने के लिए क्लियरेंस रिपोर्ट दी, यह बात बैंक जांच में सामने आई है। पुलिस उस दिशा में भी जांच कर रही है। 
 

Created On :   15 Feb 2019 11:33 AM IST

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