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फाइनेंशियल फ्रॉड करोड़ों अटके, 57,904 इन्वेस्टर्स को न्याय का इंतजार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में क्राइम भी तेजी से बढ़ रहा है। लूटपाट,चोरी,डकैती हत्या के साथ फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। पिछले कुछ सालों में ऐसे मामले सामने आए हैं, जिसमें लोगों के करोड़ों रुपए फंसे हुए हैं। जांच के तमाम प्रयास के बाद भी घोटालेबाज हाथ नहीं आते हैं। कानूनी दांव-पेंच का फायदा उठाकर घोटालेबाज अपने बचाव का रास्ता खोज निकालते हैं। शहर में बीते 4 साल का आर्थिक गड़बड़ियों का रिकॉर्ड देखा जाए, तो 50 फीसदी मामलों में भी पुलिस को सफलता नहीं मिल पा रही है। 33 मामले न्यायालय में अटके हैं। 57,904 इन्वेस्टर्स को अभी भी न्याय का इंतजार है।
12 अपराध बैंकों से संबंधित
सूचना अधिकार के तहत सामाजिक कार्यकर्ता अभय कोलारकर को शहर पुलिस ने जानकारी दी है। आर्थिक अपराध से जुड़े मामलों की जांच के लिए शहर पुलिस का आर्थिक अपराध सेल काम कर रहा है। 25 लाख से अधिक की धोखाधड़ी की शिकायत विविध पुलिस थानों से सीधे आर्थिक अपराध सेल में हस्तांतरित कर दी जाती है। लिहाजा आर्थिक अपराध सेल के उपायुक्त ने जो जानकारी दी है। उसके मुताबिक जनवरी 2015 से फरवरी 2019 तक शहर के विविध थानों में आर्थिक अपराध के 75 प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इनमें 12 अपराध बैंकों से संबंधित हैं। इस दौरान 33 प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन हैं। निवेशकों की संख्या 57,904 है। दर्ज मामलों के मुताबिक 3,68,37,89,989 रुपए निवेशकों के फंसे हुए हैं। बैंक व अन्य वित्तीय संस्थाओं के 138 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल में भेजा है।
जिन प्रमुख वित्तीय संस्थाओं में गड़बड़ी हुई है, उनमें अरविंद सहकारी बैंक, एलिना एम्पलायमेंट रिसोर्स फार्म, वासनकर इन्वेस्टमेंट, शिक्षक सहकारी बैंक, शेयर्स मार्केट संस्था, छात्रवृत्ति, वी.वी इन्वेस्टमेंट लिमिटेड, वीनस एफ एक्स कंपनी, बीट क्वाइन, साईप्रकाश डेवलपमेंट लिमिटेड, क्यू नेट विहान, ढोकेश्वर मल्टीस्टेट अर्बन को-क्रेडिट सोसायटी, गांडुल खत प्रकल्प, समृद्धि जीवन मल्टीस्टेट मल्टी पर्पज को-ऑपरेटिव सोसायटी शामिल हैं। महिला नागरिक सहकारी बैंक व समता सहकारी बैंक के बारे में विभाग ने जानकारी नहीं दी है। इस दौरान घोटाले के आरोपियों से 1,47,45,50,934 रुपए वसूले गए हैं।
चार साल में बढ़े क्राइम
- 75 संस्थाओं ने किया फ्रॉड, इनमें 12 बैंक शामिल
- 368 करोड़ से अधिक की राशि घोटाले में फंसी
- 57,904 निवेशकों पर संकट
- न्यायालय में 75 में से 33 मामले अभी भी अटके हैं
- बैंकों व सोसायटियों के 138 आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा
- घोटालेबाजों से वसूली गई 147 करोड़ से अधिक की राशि
Created On :   30 April 2019 7:49 AM GMT