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आखिरकार धामणगांव रेलवे के तहसीलदार शेलार निलंबित
डिजिटल डेस्क, अमरावती। धामणगांव रेलवे तहसील के गोकुलसरा 1 और 2 रेत घाट से नियमों का उल्लंघन कर उत्खनन की अनदेखी करना तहसीलदार प्रदीप शेलार को भारी पड़ गया। जिलाधिकारी के प्रस्ताव पर राज्यपाल के आदेश से राजस्व व वन विभाग ने तहसीलदार शेलार को निलंबित कर दिया। राज्य के अपर सचिव संजीव राणे के आदेश सोमवार को जिलाधिकारी कार्यालय को प्राप्त हुए हंै।
मामले को लेकर धामणगांव रेलवे के विधायक प्रताप अडसड़ ने स्वयं रेतघाट पर जाकर गोकुलसरा 1 और 2 रेत घाट से अवैध उत्खनन का के मामले को लेकर रेत घाट पर पहुंचकर कार्रवाई करने के लिए तहसीलदार प्रदीप शेलार को बुलाया था। उनके नहीं पहुंचने पर विधायक ने उपविभागीय अधिकारी इब्राहिम चौधरी को भी फोन कर बुलाया था लेकिन कोई भी मौके पर नहीं पहुंचे। तहसीलदार शेलार की बार-बार शिकायत करने के बाद भी एसडीओ चौधरी ने शेलार के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की। जिसके बाद उन्होंने पत्र-परिषद कर आरोप लगाए। तहसीलदार प्रदीप शेलार और एसडीओ इब्राहिम चौधरी के खिलाफ जिलाधिकारी से शिकायत की। तहसीलदार शेलार की भूमिका संदिग्ध होने पर जिला खनन अधिकारी कार्यालय नेे नांदगांव खंडेश्वर और चांदुर रेलवे की टीम को जांच के लिए रेत घाटों पर भेजा। जांच में खुलासा हुआ कि गोकुलसरा 1 ओर 2 रेत घाटों पर अवैध उत्खनन हुआ है। इतना ही नहीं यहां अवैध उत्खनन होने की जानकारी होने और बार-बार शिकायत करने पर भी तहसीलदार ने कार्रवाई नहीं की थी। तहसीलदार प्रदीप शेलार ने लापरवाही बरती। विधायक ने मुख्यमंत्री तक उठाया था। यहां तक कि इसकी शिकायत राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी से भी की गई थी। जिस पर सोमवार को राजस्व व वन विभाग ने तहसीलदार प्रदीप शेलार को निलंबित कर दिया।
Created On :   6 Dec 2022 3:51 PM IST