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सूखे मेवे महंगे होने से पहुंच के बाहर हुए मेथी के लड्डू
डिजिटल डेस्क, पथ्रोट (अमरावती)। हेमंत सभी ऋतुओं में स्वास्थ्यप्रद ऋतु है। हेमंत ऋतु में पाचन शक्ति बढ़ती है, जिससे भूख बढ़ती है। जैसे ही शरीर में ऊर्जा खर्च होती है, गर्म खाद्य पदार्थों का सेवन किया जाता है। इसके लिए घरों में पौष्टिक गोंद और मेथी के लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। फिलहाल इन लड्डुओं का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। ठंड के दिनों में मेथी और गोंद के लड्डू का सेवन करने से व्यक्ति स्वस्थ रहता है। ठंड का मौसम आते ही हर घर में लड्डू बनाने की तैयारी शुरू हो जाती है। लड्डू के लिए जरूरी ड्राई फ्रूट्स के दाम इस साल करीब 15 से 20 फीसदी तक बढ़ गए हैं। महंगाई की मार से लड्डू की मिठास कुछ कड़वी हो रही है। भागदौड़ भरी जिंदगी में कई लोगों ने खुद की सेहत पर ध्यान नहीं दिया है। फिर भी परिवार के बड़े-बुजुर्ग सबके स्वास्थ्य का ख्याल रखने में आज भी आगे हैं।
ठंड लगते ही परिवार के लिए मेथी और गोंद के लड्डू बनाने का काम शुरू कर देते हैं। काजू, बादाम, खारिक (खजूर), नारियल, इलायची, गोंद, मेथी, पिस्ता जैसे विभिन्न सूखे मेवों का उपयोग करके लड्डू तैयार किए जाते हैं। मेथी से लड्डू का स्वाद थोड़ा कड़वा हो जाता है। महंगाई ने कड़वाहट बढ़ा दी है। सूखे मेवों की मिठास हालांकि कड़वाहट को कम कर देती है। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक एक गृहिणी ने कहा कि इस तरह से बने लड्डू अच्छी सेहत के लिए बहुत जरूरी होते हैं। सर्दियां आते ही हर घर में बड़े पैमाने पर मेथी और गोंद के लड्डू बनाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। लड्डू का सेवन सुबह के समय किया जाता है। इसलिए जो लोग काम के लिए बाहर जाते हैं, उन्हें सुबह लड्डू खाने से दिन भर थकान महसूस नहीं होती है। पिछले आठ दिनों से रात में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। बदलते परिवेश का असर नागरिकों के स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। नागरिकों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेथी और गोंद के लड्डू उपयोगी हैं। चूंकि लड्डू तैयार करने के लिए सूखे मेवों की आवश्यकता होती है, इसलिए नागरिक सूखे मेवे खरीदने के इच्छुक हैं। पिछले दो वर्षों में कोरोना के प्रकोप के कारण सूखे मेवों की खरीद-बिक्री प्रभावित हुई थी। भजनलाल जडीबूटी भंडार परतवाड़ा ने कहा कि इस वर्ष प्रतिबंध मुक्त होने के कारण खरीदारी को लेकर नागरिकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।
फिलहाल क्या हैं दरें
बाजार में यह लड्डू महंगाई की मार से महंगा हो गया है। इसमें प्रयुक्त सामग्री की कीमत बढ़ी है। खजूर 180 से 220, बादाम 680 से 700, काजू 720 से 750, अंजीर 600 से 650, गोंद 200 से 220, इलायची 1,600 से 2,000, पिस्ता 1,250 से 1,850, नारियल 180, अखरोट 608, काले अखरोट सूखे मेवे बेचने वालों का कहना है कि इस साल उन्हें ग्राहकों का बेहतरीन प्रतिसाद मिल रहा है। हालांकि इतना तय है कि कीमतों में करीब 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
Created On :   12 Dec 2022 3:23 PM IST