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आवारा पशुओं को खिलाने के लिए पराली का इस्तेमाल करें किसान
- पराली वायु प्रदूषण का मुख्य कारण
डिजिटल डेस्क, लखनऊ । उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों से कहा है कि खेतों में पराली जलाने के बजाय आवारा पशुओं को खिलाएं। पराली से वायु प्रदूषण बड़े पैमाने पर होता है। राज्य के कृषि विभाग ने वास्तव में आवारा मवेशियों के लिए बने आश्रय गृहों में पराली की ढुलाई का प्रस्ताव दिया है।
अतिरिक्त मुख्य सचिव (कृषि) देवेश चतुर्वेदी ने जिला अधिकारियों को भेजे गए पत्र में कहा है कि राज्य वित्त आयोग से धनराशि प्राप्त की जाएगी। एक अनुमान के अनुसार उत्तर प्रदेश कृषि अवशेषों का सबसे अधिक उत्पादनकर्ता है, इसके बाद महाराष्ट्र और पंजाब का स्थान आता है।
कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा 2019 में तैयार की गई एक रिपोर्ट के अनुसार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में पराली बड़े पैमाने पर जलाई जाती है। अक्टूबर और नवंबर के दौरान रबी फसल (गेहूं और आलू) के लिए खेतों का सफाई के लिए पराली जलाई की जाती है। जब धान की फसल की कटाई और अगली फसल की बुवाई के बीच का समय बहुत कम होता है। कृषि विभाग ने राज्यव्यापी अभियान के लिए भी दबाव डाला है, जिसमें गाय के गोबर की तरह खाद के साथ पराली के आदान-प्रदान का प्रावधान है।
(आईएएनएस)
Created On :   8 Nov 2021 10:30 AM IST