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दाम बढ़ने की उम्मीद में किसानों ने घर में दबा रखा सफेद सोना
डिजिटल डेस्क, अमरावती । पश्चिम विदर्भ को पहले से ही ‘वर्हाड सोने की कुर्हाड’ के रूप में पहचाना जाता है। विदर्भ में शुरुआत से ही किसान कपास का अधिकाधिक उत्पादन लेते है। इस वर्ष भी किसानों ने सोयाबीन के साथ-साथ कपास का भारी उत्पादन लिया था। उसी में इस वर्ष मूसलाधार बारिश और अतिवृष्टि से फसलों का भारी नुकसान होने के बावजूद जिले में कपास का उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में 10 प्रतिशत ज्यादा रहा। वर्तमान स्थिति में बाजार में सोयाबीन को 8 हजार 500 रुपए क्विंटल से लेकर तो 8 हजार 800 रुपए क्विंटल का भाव मिल रहा है। इस कारण भाव बढ़ने की अपेक्षा में किसानों ने सफेद सोना अपने घरों में ही दबाकर रखा है। जिससे बाजार में हर रोज केवल 700 से 800 क्विंटल कपास की आवक हो रही है। अमरावती कृषि उपज मंडी में कपास खरीदी व्यवसाय से जुड़े एक व्यापारी ने बताया कि सरकार ने कपास का समर्थन मूल्य केवल 5 हजार 500 से 5 हजार 600 रुपए क्विंटल घोषित किया है। लेकिन वर्तमान स्थिति में खुले बाजार में व्यापारी 8 हजार 500 रुपए क्विंटल से लेकर तो 8 हजार 800 रुपए प्रति क्विंटल दाम पर कपास खरीद रहे हैं। स्थानीय कृषि उपज मंडी में यह कपास जिले के नांदगांव खंडेश्वर, भातकुली, तिवसा और चांदुर बाजार तहसील के किसान बिक्री के लिए ला रहे हैं। पिछले वर्ष दिसंबर के अंत में और जनवरी की शुरुआत में कपास को प्रति क्विंटल 12 हजार रुपए के करीब भाव मिला था। इस कारण आनेवाले दिनों में कपास के दाम बढ़ने की अपेक्षा में वर्तमान स्थिति में किसान अपनी आर्थिक जरूरत के अनुसार कपास मार्केट में बेचने के लिए ला रहे हैं।
Created On :   29 Nov 2022 2:44 PM IST