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धान की फसलों को खाद देने में जुटे किसान
डिजिटल डेस्क, लाखनी (भंडारा)। लाखनी तहसील के पालांदुर परिसर में रोपाई कार्य अंतिम चरण में पहुंचा है। जिन किसानों के खेत का पानी कम हुआ, ऐसे किसानों ने धान फसल को खाद देने का कार्य आरंभ किया है। मांग बढ़ने के अनुसार खाद के दाम में भी इजाफा हुआ है। जिससे उत्पादन खर्च में वृध्दि हुई है। जिले में लगातर 27 दिन तक बारिश होती रही। अतिवृष्टि से रोपाई प्रभावित हुई। कई किसानों की धान नर्सरी संकट में आयी है। जिस किसानों की धान नर्सरी सड़ गई उन किसानों ने दूसरे जगह से धान नर्सरी का इंतजाम कर रोपाई कार्य पूर्ण की। वहीं चार दिन बारिश न होने से किसानों द्वारा फसल को खाद देने के कार्य तेजी से किया जा रहा है। केंद्र शासन ने यूरिया खाद की बैग 50 किलो. से कम कर 46 किलों कर दी गई। मात्र, कीमत 266 रुपए उतनी ही रखी गई। करोड़ो रुपयों का खाद कंपनियों को अनुदान के रूप में खैरात देकर भी कंपनियों ने खाद के दाम कम नहीं किये है। लिंकिंग मात्र शुरू रखी है। खाद कंपनियों की मनमानी बढ़ने से कृषि निविष्ठाधारकों की ओर से किसानों की लूट शुरू है।
मजदूरों के दर में वृध्दि : महंगाई के चलते मजदूर वर्ग भी एकजुट हुआ है। एक बैग के खाद छिड़कने की मजदूरी 80 से 100 रुपयें इतनी है। किसानों को और कोई विकल्प न होने से मजदूर व्दारा बताई गई मजदूरी किसानों को देनी पड़ रही है।
धान फसल के दर में 100 रुपयों की वृध्दि : धानफसल उत्पादक घटक में वृध्दि होकर उस तुलना में धान का दर मात्र सौं रुपयें से केंद्र सरकार ने बढ़ाया है। 1 हजार 940 रुपये से 2 हजार 40 रुपये किया है।
Created On :   2 Aug 2022 7:29 PM IST