मेडीगड्‌डा से फिर खराब हुई किसानों की फसलें

Farmers crops got damaged again due to Medigadda
मेडीगड्‌डा से फिर खराब हुई किसानों की फसलें
आक्रोश मेडीगड्‌डा से फिर खराब हुई किसानों की फसलें

डिजिटल डेस्क, सिरोंचा(गड़चिरोली)।  तेलंगाना राज्य सरकार द्वारा गोदावरी नदी पर करोड़ों रुपए की लागत से बनाए गये मेडीगड्‌डा बांध के कारण सिरोंचा तहसील के किसानों की विभिन्न प्रकार की फसलें लगातार बर्बाद हो रही है। हर वर्ष की तरह इस बार भी बांध के सभी गेट बंद किये जाने से नदी का बैक वॉटर अब स्थानीय किसानों के खेतों में पहुंच रहा है। जिससे किसानों की मिर्च, मका, सोयाबिन जैसी फसलें बर्बाद हो रही हैं। नुकसान का यह सिलसिला पिछले चार वर्षों से बदस्तूर जारी होने के बाद भी अब तक नुकसानग्रस्त किसानों की भूमि अधिग्रहित नहीं हो पायी है। तहसील के सैकड़ों किसान भूमिहिन हो जाने के बाद भी उन्हें वित्तीय मदद नहीं मिलने से किसानों ने तेलंगाना और महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ श्रृंखलाबद्ध अनशन आरंभ किया है। पिछले 7 नवंबर से यह आंदोलन जारी होकर अब तक प्रशासन ने किसानों की सुध नहीं ली है। फलस्वरूप किसानों में असंतोष व्यक्त होने लगा है।

 सिरोंचा तहसील के तहसील के आरडा माल, मुगापुर, पेंटीपाका, तुमनूर, मृदुक्रिष्णापुर, जानमपल्ली, मद्दीकुंठा, चिंतलपल्ली, नगरम, रामकृष्णपुर, सिरोंचा रै., सिरोंचा माल, कारसपल्ली, वड़धम समेत अन्य कई गांव गोदावरी नदी के तट पर बसे हुए हैं। इसी नदी पर तेलंगाना सरकार ने मेडीगड्‌डा बांध का निर्माण किया है। इस बांध के निर्माणकार्य के दौरान तेलंगाना सरकार ने स्थानीय किसानों से भूमि खरीदने का आश्वासन दिया था। शुरुआती दौर में इस बांध का सभी स्तरों से विरोध होने के बाद भी स्थानीय किसानों ने भूमि अधिग्रहण का आश्वासन मान्य कर बांध बनाने दिया। वर्तमान में यह बांध बनकर पूरी तरह तैयार है। हर वर्ष बारिश के दिनों में बांध के सभी 85 गेट शुरू किये जाते हैं। एकसाथ सभी गेट शुरू करने से नदी का जलस्तर बढ़ जाता है और अन्य नदियों में भी बाढ़ की स्थिति निर्माण होती है। इस वर्ष जुलाई व अगस्त माह के दौरान हुई अतिवृष्टि और बांध के सभी गेट खोलने से सिरोंचा तहसील में अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ की स्थिति निर्माण हुइ थी। इस कालावधि में 8 हजार से अधिक बाढ़ग्रस्त नागरिकों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया था। बाढ़ की स्थिति शांत होते ही मेडीगड्‌डा बांध के सभी गेट बंद कर दिये गये। वर्तमान में भी सभी 85 गेट बंद हंै। लेकिन पानी संग्रहण अधिक मात्रा में होने से अब बांध का बैक वॉटर नदी किनारे सटे किसानों के खेतों में पहुंचने लगा है।

 वर्तमान में रबी सत्र जारी होकर किसानों ने अपने खेतों में विभिन्न प्रकार की फसलें उगायी हंै। लेकिन बांध के बैक वॉटर के चलते खेतों में जलजमाव की स्थिति निर्माण होने से अब किसानों की फसलें नष्ट होने की कगार पर हैं। नुकसान का यह सिलसिला 4 वर्षों से लगातार जारी है। बावजूद इसके अब तक भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गयी। साथ ही फसलों का नुकसान होने से  वित्तीय मदद भी नहीं मिली है। जिससे किसानों में नाराजगी है। मेडीगड्डा बांध के लिए स्थानीय किसानों से तत्काल भूमि अधिग्रहण करना, किसानों को प्रति एकड़ 20 लाख रुपए की राशि देना, किसानों के खेतों को सुरक्षा प्रदान करने सुरक्षा दीवार का निर्माण करना, पीड़ित किसानों को प्रकल्पग्रस्त के रूप में घोषित कर उन्हें प्रमाणपत्र देना आदि समेत अन्य मांगों काे लेकर पीड़ित किसानों ने गत 7 नवंबर से सिरोंचा के तहसील कार्यालय के समक्ष श्रृंखलाबद्ध अनशन शुरू किया है। इस अनशन पर अब भी अब तक किसी का ध्यान नहीं है। 
 

Created On :   16 Dec 2022 1:38 PM IST

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