मृत एक बच्चे का शव लेने से परिजनों ने किया इंकार, अब DNA टेस्ट करेगा फैसला

Hamidia Hospital Fire: Family refuses to take dead body of a child, now DNA test will decide
मृत एक बच्चे का शव लेने से परिजनों ने किया इंकार, अब DNA टेस्ट करेगा फैसला
कमला नेहरु अस्पताल आग मृत एक बच्चे का शव लेने से परिजनों ने किया इंकार, अब DNA टेस्ट करेगा फैसला
हाईलाइट
  • मौत के आंकड़ों का सच

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल राजधानी भोपाल के हमीदिया अस्पताल परिसर में स्थित कमला नेहरु अस्पताल में हुए आग हादसे में अधिकारियों की लीपापोंती सामने आ रही है।अधिकारियों की जगजाहिर लापरवाही के चलते सूबे के मुखिया शिवराज सिंह ने कार्रवाई करते हुए चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। वहीं कांग्रेस बच्चों की मौत पर राजनीतिक रोटिया सेकते नजर आ रही है। कांग्रेस  मरने वालों की संख्या 14 बता रही है जबकि अधिकारिक तौर पर अस्पताल चार बच्चों के मृत होने  की पुष्टि कर रहा है। बीमार बच्चों से परिजनों को नहीं मिलने दिए जा रहा। अस्पताल में उस समय माहौल गरमाया गया जब एक परिजन ने मृत बच्चे के शव को लेने से इंकार कर दिया है। परिजन का आरोप है कि जिस बच्चे को सौंपा जा रहा है वह बच्चा उसका नहीं है। परिजन अपना बच्चा होने से मना कर रहा है।लिहाजा अब  उसका डीएनए टेस्ट कराया जा रहा है। फिलहाल बच्चे का शव पोस्टमार्टम किये जाने के बाद मर्चुरी में सुरक्षित रखा गया है।

सोमवार की रात को कमला नेहरु अस्पताल में आग लगने से हादसा हुआ था। प्रशासन और सरकार मौत का आंकड़ा चार बता रही है जबकि कांग्रेस ने 48 घंटों में मरने वाले बच्चों की संख्या 14 बताया है। सरकार पर मौत के आंकड़े छुपाने के भी आरोप लगे है।

जिलाधिकारी अविनाश लवानिया ने राज्य शासन को जो रिपोर्ट भेजी है उसमें कहा गया है कमला नेहरू अस्पताल में एसएनसीयू के आऊटबॉर्न वार्ड में भर्ती एक बच्चे के वेंटीलेटर को वहां उपस्थित ड्यूटी डॉक्टर व उनके सहयोगी द्वारा चालू करने के लिये प्लग लगाया गया, जिसके थोड़ी देर पश्चात अचानक उसमें स्पार्क से आग लग गई जिसे वहीं उपस्थित डॉक्टर द्वारा फायर एक्स्टींगविशर की सहायता से तुरंत आग बुझाने का प्रयास किया गया यद्यापि आग पर काबू पा लिया गया किन्तु पूरे कमरे में धुंआ फैल गया तथा उसके पश्चात भी वेंटीलेटर के अन्दर से धुंआ निकलता रहा, जिससे कमरे में एवं आसपास काफी मात्रा में धुंआ फैल गया। घटना के समय उपस्थित मेडीकल स्टाफ एवं बच्चों के परिजनों ने आसपास की खिड़कियों के कांच तोड़ दिये जिससे धुएं का निकास आसानी से हो सके, साथ ही अस्पताल प्रबंधन द्वारा तत्काल फायर ब्रिगेड को सूचित कर बुलाया गया।

कलेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में  विभागाध्यक्ष द्वारा बताया गया कि कुल 40 बच्चे वॉर्ड में भर्ती थे जिनमें से 36 बच्चों को सकुशल शिफ्ट किया गया एवं चार बच्चों जिनकी दुर्घटना में मृत्यु हो गई थी उनको मर्चुरी भेजा गया। स्थिति सामान्य होने पर सकुशल शिफ्ट किये गये नवजात शिशुओं को उनके परिजनों को दिखाया गया। सभी परिजनों द्वारा अपने-अपने बच्चों की पहचान कर ली गई तथा घटना में जिन चार बच्चों की मृत्यु हो गई उसमें से तीन बच्चों को उनके परिजनों को पोस्टमार्टम उपरांत सौंपा गया एवं एक बच्चे के परिजनों द्वारा संशय व्यक्त किया गया इस कारण से उनकी सहमति से डीएनए सेम्पल लेकर लेब भेजा गया एवं पोस्टमार्टम किये जाने के बाद मर्चुरी में सुरक्षित रखा गया है।

 

(आईएएनएस)

Created On :   11 Nov 2021 11:30 AM IST

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