जेट पैचर मशीन भी नहीं भर पाई सड़कों के गड्‌ढे, करोड़ों फूंक रही मनपा

Even the jet patcher machine could not fill the potholes of the roads, the Manpa is burning crores
जेट पैचर मशीन भी नहीं भर पाई सड़कों के गड्‌ढे, करोड़ों फूंक रही मनपा
हालात ज्यों के त्यों जेट पैचर मशीन भी नहीं भर पाई सड़कों के गड्‌ढे, करोड़ों फूंक रही मनपा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आर्थिक तंगी का रोना रोने वाली मनपा बिना समझे-बुझे करोड़ों रुपए पानी में बहा रही है। शहर में गड्ढों को भरने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर जेट पैचर मशीन खरीदी गई। अब उसे बेकार बता कर इंस्टा पैचर मशीन खरीदने की कवायद की जा रही है। प्रेजेंटशन के दौरान जेट पैचर मशीन को सही ठहराया गया था, लेकिन वह बारिश में गड्ढों को भरने में नाकाम साबित हुई है। इसलिए अब इंस्टा पैचर मशीन के लिए निविदा को स्थायी समिति ने मंजूरी दी है। 1 करोड़ 98 लाख 95 हजार 495 रुपए की नई मशीन से बारिश में गड्ढे भरने का दावा किया गया है। दरअसल चुनाव के सामने गड्ढे सत्तापक्ष का सिर दर्द बन गए हैं। किसी भी कीमत पर इस समस्या का हल निकालने की कवायद चल रही है। ऐसे में जनता के पैसों पर गड्ढे भरने के लिए मनपा अजीबो-गरीब प्रयोग कर रही है।

न उगल पा रहे न निगल : जेट पैचर मशीन दावे पर खरी नहीं उतरी। यह सवाल उठाने वाला आैर कोई नहीं, जिनके कार्यकाल में मशीन खरीदी गई थी, वही तत्कालीन स्थायी समिति सभापति हैं। यह सवाल सत्तापक्ष के गले की हड्डी बन गया है। उसे न उगलते बन रहा है, न निगलते बन रहा है।

पैसा पानी में और जख्म भरे नहीं
शहर की जनता को गड्ढों से मुक्ति दिलाने मनपा ने करोड़ों रुपए में दो जेट पैचर मशीन खरीदे। सड़कों के गड्ढे भरने के नाम पर करोड़ाें रुपए खर्च हुए, लेकिन गड्ढे तब भी थे और आज भी हैं। टैक्स के रूप में जनता की जेब से वसूले गए करोड़ों रुपए पानी में चले गए, लेकिन गड्ढों ने दिए जख्म हरेे हैं।

हॉटमिक्स प्लांट विभाग का दावा
मनपा लोकनिर्माण विभाग की अधीक्षक अभियंता ने बताया कि हॉटमिक्स प्लांट बारिश के मौसम में अधिकांशत: बंद रहता है। उसी मौसम में गड्ढों की समस्या ज्यादा रहती है। इंस्टा पैचर मशीन बारिश में भी काम करती है, इसलिए इंस्टा पैचर मशीन खरीदने का प्रस्ताव लाया गया है।

नाकाफी है व्यवस्था
मनपा ने ही 18 अगस्त की स्थायी समिति में बताया था कि शहर में 3360 गड्ढे हैं, जिसका क्षेत्रफल 9 से 10 हजार वर्ग मीटर है। विभाग के पास उसे बुझाने की व्यवस्था नाकाफी है, जिसके चलते अब शहर गड्ढों में हो गया है।

मेरे कार्यकाल में खरीदी गई
जेट पैचर मशीन खरीदने से पहले कंपनी ने प्रेजेंटेशन में बारिश में गड्ढे भरने की क्षमता का दावा किया था। अब बारिश में मशीन से गड्ढे नहीं भर पाने का हवाला दिया जा रहा है। कंपनी का दावा और विभाग का हवाला परस्पर विरोधी हैं। मैंने यह प्रश्न आमसभा में रखा है। एक जेट मशीन मेरे स्थायी समिति सभापति कार्यकाल में खरीदी गई। एक मशीन उससे पहले ही खरीदी गई थी।
प्रदीप पोहाने, पूर्व सभापति, मनपा स्थायी समिति

 

 

Created On :   4 Oct 2021 12:33 PM IST

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