आठ माह बाद भी गुनौर जनपद में स्थाई समितियों का नहीं हुआ गठन
डिजिटल डेस्क,पन्ना। सत्ता का विकेन्द्रीकरण करते हुए संविधान के ७३वें संशोधन में त्रिस्तरीय पंचायतराज व्यवस्था के माध्यम से स्थानीय स्वाशासन को मजबूत किया गया है। त्रिस्तरीय पंचायतराज व्यवस्था के अंतर्गत ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत को महत्वपूर्ण अधिकार प्रदान किये गये है परंतु पंचायतीराज व्यवस्था के नियमानुसार संचालित हो इसको लेकर जिम्मेदार अधिकारियों पर उदासीनता बरते जाने तथा पंचायतीराज व्यवस्था के तहत कमजोर किये जाने आरोप लगते जा रहे है। जिले की गुनौर जनपद पंचायत में पंचायतीराज व्यवस्था के तहत स्थाई समितियों के गठन को लेकर जो कानूनी प्रावधान किया गया है उसकी पिछले आठ माह से धज्जियां उड रही है। मध्यप्रदेश में गुनौर जनपद पंचायत प्रदेश की एक इकलौती जनपद पंचायत है जहां पंचायत चुनाव संपन्न होने के आठ माह बाद भी स्थाई समितियों की गठन की कार्यवाही नहीं हुई है। इसको लेकर जो जानकारी सामने आई है जनपद की स्थाई की समितियों के गठन को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा निर्वाचन संबंधी कार्यक्रम ही नहीं जारी किया गया है। जिसके चलते गुनौर जनपद पंचायत के स्थाई समितियों का गठन जो कि जनपद पंचायत के निर्वाचित सदस्यों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया के जरिये किया जाता है नहीं हो सका है।
प्रत्येक जनपद पंचायत में गठित होती हैं आठ स्थाई समितियां
जनपद पंचायतों मेें कुल ०८ स्थाई समितियों का गठन किए जाने का प्रावधान है जिनमें सामान्य प्रशासन समिति, कृषि समिति, स्वास्थ्य महिला एवं बाल विकास समिति, शिक्षा समिति, जैव विविधता प्रबंधन समिति, वन समिति, संचार एवं संकर्म समिति, सहकारिता एवं उद्योग समिति शामिल है। सामान्य प्रशासन समिति के पदेन सभापति जनपद पंचायत के अध्यक्ष होते है तथा समिति के सदस्यों में शिक्षा समिति, कृषि समिति, स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास समिति, संचार एवं संकर्म समिति, वन समिति, उद्योग समिति, जैव विविधता समिति के निर्वाचित सदस्यों को सभापतियों को शामिल किया जाता है। शिक्षा समिति में पदेन रूप से जनपद के निर्वाचित उपाध्यक्ष को सभापति बनाया जाता है। सामान्य प्रशासन समिति के सभापति एवं शिक्षा समिति को छोडकर अन्य शेष ०६ समितियों के सदस्यों का निर्वाचित जनपद सदस्य करते है और समिति के सदस्य अपनी समिति के सभापति का चुनाव करते है। शिक्षा समिति के लिए सभापति को छोडकर सदस्यों का निर्वाचन जनपद सदस्यों द्वारा किया जाता है। स्थाई समितियों की गठन की कार्यवाही शासन द्वारा जारी कार्यक्रम के अनुसार जिले की ०५ जनपद पंचायतों में अगस्त माह में ही संपन्न हो गई थी किन्तु गुनौर जनपद पंचायत स्थाई समितियों के गठन को लेकर ०८ माह प्रक्रिया शुरू नहीं की गई है।
समितियों के गठन नहीं होने से विभागों के कामकाज प्रभावित
त्रिस्तरीय पंचायतीराज व्यवस्था के तहत विकासखण्ड स्तर पर विभागों से संबंधित कामकाज की समीक्षा सहित कई महत्वपूर्ण कार्य जनपद पंचायतों की स्थाई समितियों के माध्यम से संपादित होते है। समितियांं विभागों के कामकाज की आयोजित बैठकों में समीक्षा करती है। समितियों से संबंधित विभाग अपने कार्याे के प्रस्ताव समितियों के समक्ष भेजते है और इन पर बैठक में चर्चा करके समितियां निर्णय लेते है किन्तु गुनौर जनपद पंचायत में स्थाई समितियों के गठन नहीं होने से महत्वपूर्ण कामकाज प्रभावित है। गुनौर विकासखण्ड अंतर्गत रिक्त लगभग सवा दर्जन आंगनाबडी केन्द्र में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की भर्ती संबंधी प्रक्रिया जनपद की स्थाई समिति स्वास्थ्य एवं महिला विकास विभाग के गठन की कार्यवाही नहीं होने की वजह से पिछले ०६ माह से अधिक समय से लटकी हुई है स्थाई समितियों के गठन नहीं होने की वजह से अन्य विभागों से संबंधित कार्य भी इसी तरह से प्रभावित हो रहे है।
समितियों के गठन को लेकर भेजी गई फाइल कलेक्टर के पास अटकी
गुनौर जनपद पंचायत में स्थाई समितियों के गठन की कार्यवाही ०८ माह बाद भी नहीं किये जाने को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों के पास इसका कोई जबाव नहीं है। बताया जा रहा है कि स्थाई समितियों के गठन को लेकर जनपद पंचायत द्वारा कलेक्टर कार्यालय में विहित प्राधिकारी स्थाई समिति के निर्वाचन के हेतु नियुक्त किये जाने संबंधी में भेजी गई थी किन्तु विहित प्राधिकारी नियुक्त किये जाने संबंधी आदेश कलेक्टर कार्यालय से लंबा समय हो जाने के बाद भी जारी नही हुआ है। अखिर कलेक्टर के यहां फाइल किन कारणों की वजह से लटकी हुई है इस पर भी बडे सवाल खडे हो रहे है।
हाईकोर्ट से मिले स्टे के बाद गुनौर में जनपद उपाध्यक्ष
पंचायतीराज व्यवस्था गुनोैर में राजनीति के दांव-पेंच और कानूनी लडाई में उलझी हुई है जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के निर्वाचन में एक मत के अंतर से परमानंद शर्मा को निर्वाचित घोषित किया गया था जिस पर पराजित प्रत्याशी रामशिरोमणी मिश्रा ने जिला कलेक्टर के यहां एक विवादित मत को लेकर अपील करते हुए निरस्त किये जाने की मांग की गई थी। कलेक्टर द्वारा रामशिरोमणी मिश्रा की अपील को स्वीकार करते हुए परमानंद शर्मा के पक्ष में मान्य एक मत को निरस्त कर दिया गया था तथा मतों की संख्या में बराबरी होने पर विहित प्राधिकारी तहसीदार को निर्वाचन कार्यवाही संपन्न करने के निर्देश दिये गये थे जिसके बाद लाटरी प्रक्रिया में रामशिरोमणी मिश्रा को उपाध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया गया इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर की कार्यवाही से असंतुष्ट परमानंद मिश्रा द्वारा हाईकोर्ट में कलेक्टर के निर्णय के विरूद्ध अपील की गई। जिस पर हाईकोर्ट ने अपील को स्वीकर करते हुए कलेक्टर के फैसले पर रोक लगा दी गई। हाईकोर्ट के स्टे आर्डर पर गुनौर जनपद पंचायत में उपाध्यक्ष पद की शपथ परमानंद शर्मा को दिलाई गई और वह जनपद उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रहे है किन्तु इसके बाद जनपद की जो स्थाई समितियों का गठन होना चाहिए उस संबंध में कार्यवाही नहीं की गई है।
इनका कहना है
जनपद पंचायत गुनौर की स्थाई समितियों के गठन को लेकर मेरे द्वारा कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओ एवं जनपद सीईओ को कई बार पत्र लिखकर कार्यवाही के लिए अनुरोध किया है किंतु प्रशासन द्वारा समितियों के गठन करने की कार्यवाही नहीं की जा रही है।
परमानंद शर्मा
जनपद पंचायत उपाध्यक्ष गुनौ
जनपद की स्थाई समिति की गठन को लेकर विहित प्राधिकारी बनाए जाने के संबंध में कलेक्टर कार्यालय को दो बार पत्र भेजा गया है किंतु वहां से हमें कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। विहित प्राधिकारी नहीं बनने से समितियों के गठन संबंधी कार्यवाही नहीं हुई है स्थाई समितियों का गठन नही होने के कारणों की जानकारी उन्हें नहीं हैं। जनपद उपाध्यक्ष का मामला हाईकोर्ट में चल रहा है हो सकता है यही कारण हो।
जयशंकर तिवारी
मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत गुनौर जिला पन्ना
Created On :   10 April 2023 12:06 PM IST