पंछियों को मांझे से बचाने की मुहिम में जुटे पर्यावरण प्रेमी और बर्ड लवर्स

Environmental lovers and bird lovers campaigning to save birds from manjha
पंछियों को मांझे से बचाने की मुहिम में जुटे पर्यावरण प्रेमी और बर्ड लवर्स
पंछियों को मांझे से बचाने की मुहिम में जुटे पर्यावरण प्रेमी और बर्ड लवर्स

डिजिटल डेस्क, नागपुर। मकर संक्राति के करीब आते ही नागपुर के आसमान पर रंग-बिरंगी पतंगें उड़ती हुई नजर आने लगती हैं। करीब माह भर शहर के लोग जमकर पतंगबाजी का लुत्फ उठाते हैं। हालांकि पतंग उड़ाने के लिए उपयोग किए जाने वाले नायलॉन मांझा पशु-पंछियों के लिए जानलेवा साबित होते हैं।

पंछी प्रेमी वैभव देशपांडे के अनुसार हर वर्ष दर्जनों पंछी नायलॉन मांझे में फंसकर जान गंवा देते हैं और सैकड़ों घायल हो जाते हैं। पिछले वर्ष संक्राति के आसपास 100 नंबर  पर पंछियों को बचाने के लिए 50 से ज्यादा फोन कॉल्स आए थे। उन्होंने बताया कि शहर के युवा, पर्यावरण प्रेमी और बर्ड लवर्स इस वर्ष पंछियों को खतरनाक नायलॉन मांझा से बचाने के लिए मुहिम शुरू कर दिए हैं।

अधिकारियों को सौंपेंगे ज्ञापन
मुहिम के तहत नायलॉन मांझा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया गया है। हस्ताक्षरित पत्र पुलिस कमिश्नर व मनपा आयुक्त को सौंपा जाएगा। इस मुहिम में शहर में पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने में जुटे ग्रो विल फाउंडेशन, हाफ-डे वाइल्ड लाइफर और मूड ऑफ द ग्रुप शामिल हैं। इस मुहिम में पकंज आसरे, वैभव देशपांडे, डॉ. अभीक घोष, कार्तिक नारायण, चेतन पांडेय समेत बड़ी संख्या में पर्यावरण प्रेमी युवा शामिल हैं।

वेटरनरी डॉक्टर्स व कार्यकर्ताओं की टीम 
वैभव देशपांडे ने बताया कि घायल पंछियों को समय पर उपचार उपलब्ध कराने के लिए वेटरनरी डॉक्टर्स व समर्पित कार्यकर्ताओं की टीम तैयार की जाएगी। लोगों को ट्रांजिट रेस्क्यू सेंटर, फायर विभाग, वन विभाग के संपर्क नंबर उपलब्ध कराएं जाएंगे, ताकि जरूरत पड़ने पर तत्काल विभागों से संपर्क किया जा सके। 

शहर में बड़ी संख्या में प्रवासी पक्षी
हाफ-डे वाइल्ड लाइफर के डॉ. घोष के अनुसार इन दिनों शहर में काफी बड़ी संख्या में प्रवासी पंछी डेरा डाले हुए हैं। उनकी सुरक्षा के लिए भी नायलॉन मांझा खतरनाक साबित हो सकता है।   

प्लास्टिक पतंगों पर भी प्रतिबंध लगे
मकर संक्राति और पतंगबाजी पर नहीं, बल्कि खतरनाक किस्म के मांझे पर रोक लगाए जाने की जरूरत है। इसके साथ ही प्लास्टिक की पतंगों का भी उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। नायलॉन का मांझा लंबे समय तक पेड़ों व तारों पर फंसा रहता है और पंछियों के लिए घातक साबित होता है। -वैभव देशपांडे, बर्ड लवर और ग्रो विल के सदस्य

Created On :   16 Dec 2019 3:10 PM IST

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