जलयुक्त शिवार अभियान काे प्रभावी रूप से अमल में लायें : जिलाधीश गौड़ा
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। जलयुक्त शिवार अभियान 2015 से 19 कालावधि तक चलाया गया था। अन्य पाणलोट क्षेत्र विकास कार्यक्रम न चलाये और गांव चयन के मापदंड के अनुसार पात्र गांव में भूमि और जलसंवर्धन के काम, पाणलोट विकास काम करना, जलसाक्षारता द्वारा गांव के पानी की उपलब्धता और कार्यक्षम का उपयोग के लिए प्रयास करना, भूमि और जलसंवर्धन के काम जनसहयोग से करना तथा उपलब्ध भूजल के माध्यम से पाणलोट क्षेत्र विकास करने जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 चलाने मंजूरी दी है। इस अभियान के प्रभावी क्रियान्यन के निर्देश जिलाधीश विनय गौड़ा ने दिए हैं।
जिलाधीश कार्यालय के बीस कलमी सभागृह में जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के संबंध में आयोजित समीक्षा बैठक जिलाधीश बोल रहे थे। बैठक में जिप सीईओ विवेक जान्सन, उपवनसंरक्षक श्वेता बोड्डु, उपजिलाधिकारी (रो.गा.यो) पल्लवी घाटगे, जिला अधीक्षक कृषि अधिकारी भाऊसाहेब बऱ्हाटे, जिला जलसंवर्धन अधिकारी सुभाष आकोसकर तथा विविध विभाग प्रमुख उपस्थित थे। जिलाधीश गौड़ा ने कहा कि 2015 से 19 के बीच जलयुक्त शिवार अभियान 1.0 चलाया गया। कालावधि के काम की स्थिति जांच, गांव का प्रस्ताव तैयार करते समय पाणलोट क्षेत्र नियोजन घटक होगा। फरवरी के पहले सप्ताह में जलसंवर्धन काम के प्रस्ताव रखे। मृदा एवं जल संवर्धन विभाग के शासनादेश के अनुसार 3 जनवरी 2023 को जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के तहत जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है। उसके तहत तहसील स्तर और ग्राम स्तरीय समिति काम करेगी। जिला परिषद अंतर्गत जल संरक्षण कार्य की जानकारी तहसील स्तर पर तैयार की जाए। जलयुक्त शिवार फेज-2 में पाणलोट क्षेत्र विकास कार्यक्रम चलाये गांव में मृदा और जलसंवर्धन के काम किए जाएंगे।
नए गांवों को शामिल करने के संबंध में संबंधित विभाग द्वारा कुल गांवों की सूची तैयार की जाए। साथ ही शामिल किए जाने वाले गांवों की सूची को भी अपडेट की जाए। संबंधित विभाग से सूखाग्रस्त गांवों की सूची मांगी जाए और जिला स्तर पर मास्टर लिस्ट तैयार की जाए। प्रथम चरण में कई गांवों का चयन कर लिया गया है, लेकिन कार्य अधूरे हैं। ऐसे गांवों में अधूरे कार्यों को पूरा किया जाए। गांव में लोगों की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दिया जाना चाहिए। जलयुक्त शिवार और अमृत सरोवर के तहत किसानों के लिए संजीवनी है, जलयुक्त शिवार और गाद मुक्त बांध योजना के कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करें। गाद जमा होने के कारण बांधों की भंडारण क्षमता बहुत कम हो जाती है। यदि इस बांध में जमा गाद को निकालर कर खेतों में फैला दिया जाए तो यह बांधों की मूल भंडारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा और कृषि उत्पादन के साथ आय में पर्याप्त वृद्धि में भी मदद करेगा। इसलिए जो किसान स्वयं गाद ढोने को तैयार हैं उन्हें उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हंै। अंत में जिला जलसंवर्धन अधिकारी सुभाष आकोसकर ने जलयुक्त शिवार अभियान 2.0 के क्रियान्वयन की जानकारी दी।
Created On :   24 Jan 2023 12:05 PM GMT