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शिक्षाधिकारी ने बंद की स्कूलों में रखे मिड-डे-मील की जांच-पड़ताल
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। जिला परिषद व निजी शालाओं में शासन की ओर से विद्यार्थियों को मिड-डे-मील के तहत भोजन परोसा जाता है। स्कूलों को छुटि्टयां लग गई हैं। ऐसे में कुछ स्कूलों में मिड-डे-मील का अनाज बचा हुआ है। अचानक इस अनाज की जांच करने जिला परिषद के शिक्षाधिकारी 9 जून को तहसीलों की विविध शाालाओं में जा पहुंचे। इस दौरान उन्होंने गोरेगांव, गोंदिया तहसील की शालाओं में रखे गए पोषाहार की जांच की।
बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से कक्षा पहली से कक्षा आठवीं तक के विद्यार्थियों के लिए मीड-डे-मील योजना संचालित है। इस योजना के तहत जिला परिषद एवं निजी संस्थाओं के स्कूलों में पढ़ने वाले लाभार्थी विद्यार्थियांे को स्कूलों में ही भोजन परोसा जाता है। लेकिन अक्सर इस तरह की शिकायतें प्राप्त होती है कि घटिया दर्जे का भोजन या कंकड़ मिश्रित अनाज की आपूर्ति स्कूलों को की गई है। यहां तक कि पोषण आहार के नाम पर पशु आहार जैसा अनाज भी दिया जाता है।
शिकायत मिलते ही जांच की जाती है, लेकिन कार्रवाई नहीं होती, इस तरह का आरोप हमेशा शिक्षा विभाग पर लगाया जाता है। अप्रैल माह के अंत से स्कूलों के विद्यार्थियों को छुटि्टयां लग गई है। लेकिन स्कूलों में शिक्षकों कार्यरत रहना अनिवार्य कर दिया गया है। ऐसे में अचानक शिक्षाधिकारी कादर शेख बंद स्कूलों में रखे पोषण आहार की जांच करने पहुंच जाते हैं। बताया गया है। गोरेगांव तहसील के सटवा, बबई, आमगांव तहसील के सोनेखारी व अर्जुनी मोरगांव तहसील के पवनी धाबे की जिप स्कूलों में पहुंचकर वहां पर रखे पोषण आहार की जांच शिक्षाधिकारी द्वारा की गई। इस जांच में कितना अनाज खराब हुआ इसका खुलासा जांच रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगा।
Created On :   10 Jun 2022 5:26 PM IST