Earthquake: 4.6 की तीव्रता से 15 सेकंड तक कांपी दिल्ली, दो महीनों में पांचवीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए

Earthquake jolts Delhi-NCR, tremors felt in several parts of north India
Earthquake: 4.6 की तीव्रता से 15 सेकंड तक कांपी दिल्ली, दो महीनों में पांचवीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए
Earthquake: 4.6 की तीव्रता से 15 सेकंड तक कांपी दिल्ली, दो महीनों में पांचवीं बार भूकंप के झटके महसूस किए गए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली सहित हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। नेशनल सेंटर फॉर साइमोलॉजी (भूकंप विज्ञान) ने रिक्टेर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.6 मैग्नीट्यूड मापी है। जानकारी अनुसार हरियाणा के रोहतक में जमीन के नीचे 16 किलोमीटर अंदर भूकंप का केंद्र बताया जा रहा है। गाजियाबाद, नोएडा, सोनिपत और दिल्ली एनसीआर के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप आते ही लोग घबराकर अपने घरों से बाहर निकल आए।  हालांकि, भूकंप से कोई नुकसान होने की सूचना नहीं है। शुक्रवार रात करीब 9.08 बजे आए इस भूकंप के झटके करीब 10 से 15 सेकंड तक महसूस किए गए।  

 

 

12 अप्रैल से अब तक दिल्ली में पांचवा भूकंप
बता दें कि बीते कुछ दिनों में देश की राजधानी में कई बार भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। 15 मई को दिल्ली में भूकंप का झटका महसूस किया गया। हालांकि, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता केवल 2.2 थी। इससे पहले 10 मई को दोपहर में करीब 1.45 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 3.5 बताई जा रही थी। वहीं 12 और 13 अप्रैल को भी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। 12 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता 3.5 थी, जबकि 13 अप्रैल को आए भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.7 थी। दोनों भूकंप के झटकों का केंद्र दिल्ली ही था।

दिल्ली-NCR में तीन फॉल्ट लाइन
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर में तीन फॉल्ट लाइन हैं। जहां फॉल्ट लाइन होती है, वहीं पर भूकंप का एपिसेंटर बनता है। दिल्ली-एनसीआर में जमीन के नीचे दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और सोहना फॉल्ट लाइन हैं।

6 की तीव्रता वाला भूकंप भयानक होता है
भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, भूकंप की असली वजह टेक्टोनिकल प्लेटों में तेज हलचल होती है। इसके अलावा उल्का प्रभाव और ज्वालामुखी विस्फोट, माइन टेस्टिंग और न्यूक्लियर टेस्टिंग की वजह से भी भूकंप आते हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता मापी जाती है। इस स्केल पर 2.0 या 3.0 की तीव्रता का भूकंप हल्का होता है, जबकि 6 की तीव्रता का मतलब शक्तिशाली भूकंप होता है। 

 

Created On :   29 May 2020 9:32 PM IST

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