कोरोना के चलते कोर्ट ने दे दी जर्जर इमारत में रहने की छूट

Due to Corona, the court gave permission to live in a dilapidated building
कोरोना के चलते कोर्ट ने दे दी जर्जर इमारत में रहने की छूट
कोरोना के चलते कोर्ट ने दे दी जर्जर इमारत में रहने की छूट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते  लोगों की परेशानी को देखते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने ऐसे लोगों को अपने जोखिम पर जर्जर इमारत में रहने की अनुमति दे दी है। इससे पहले इमारत के लोगों ने हाईकोर्ट को आश्वस्त किया था कि वे 31 मार्च 2020 तक इमारत को खाली कर देंगे, लेकिन अब जब इमारत में रहने वाले लोगों को यह नामुमकिन लगा तो उन्होंने गोल्डन सेकसारिया वेलफेयर एसोसिएशन के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका दायर की। 

गौरतलब है कि मुंबई महानगर पालिका की कमेटी ने इमारत को जर्जर पाया था और उसे गिराने की सलाह दी थी। कमेटी की रिपोर्ट के बाद इमारत की बिजली व पानी काट दिया गया था। चूकि इमारत के लोगों ने कोर्ट को आश्वस्त किया था कि वे 31 मार्च तक इमारत खाली कर देंगे इसलिए हाईकोर्ट ने मुंबई मनपा को इमारत का दोबारा बिजली-पानी कनेक्शन जोड़ने का आदेश दिया था। 

न्यायमूर्ति एम एस कर्णिक के सामने इस याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता के वकील जगदीश जयले ने कहा कि कोरोना के प्रकोप के चलते उनके मुवक्किल दूसरी इमारतों में घर नहीं मिल रहा है। कोई अपनी इमारत में घुसने नहीं दे रहा है। उन्हें वैकल्पिक घर खोजने में काफी कठिनाई हो रही है। इसलिए मेरे मुवक्किलों से घर न खाली कराया जाए।याचिकाकर्ता के वकील से मिली इस जानकारी के बाद न्यायमूर्ति ने मुंबई महानगर पालिका को स्थिति को यथावत रखने का आदेश दिया और इमारत के रहवासियों को अपने जोखिम पर रहने की अनुमति प्रदान कर दी। न्यायमूर्ति ने स्पष्ट किया कि किसी दुर्घटना की स्थिति में मनपा को जिम्मेदार नहीं ठहराया जाएगा। हाईकोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई स्थगित कर दी है। 

 

Created On :   28 March 2020 7:40 PM IST

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