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उत्तराखंड में बाघ का पता लगाने के लिए कर रहे ड्रोन का इस्तेमाल
- ड्रोन से निगरानी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एक संभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) ने उत्तराखंड के तराई इलाके में एक बाघ की निगरानी करने और उसका पता लगाने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं।
संदीप कुमार, डीएफओ, तराई (पूर्व) वन प्रभाग, उत्तराखंड ने आईएएनएस को बताया, बाघ एक महत्वपूर्ण प्रजाति है। इसलिए, हमें इसकी लगातार निगरानी करने की जरूरत है। ड्रोन का इस्तेमाल पहले रिमोट मॉनिटरिंग के लिए किया जाता था। लेकिन इस बार, हम यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या हमने लक्ष्य को सही और प्रभावी ढंग से मारा है।
यह पुरुषों की सुरक्षा के लिए भी उपयोगी है। एक संभावना है कि बाघ मारा गया, लेकिन पूरी तरह से शांत नहीं हुआ। उस स्थिति में, अगर बाघ उन पर हमला करता है तो हमारे लोग घायल हो सकते हैं।
खटामी क्षेत्र में बाघ ने पिछले 10-15 दिनों में पहले ही दो लोगों को मार डाला और इसलिए इसे पकड़ना और आगे मानव-पशु संघर्ष से बचने के लिए इसे वापस जंगल में छोड़ना महत्वपूर्ण था।
तराई क्षेत्र की निगरानी कई महीनों से ड्रोन द्वारा की जा रही है, लेकिन मानव-पशु संघर्ष के लिए बाघ को शांत करने के लिए इसका उपयोग पहली बार किया गया। 2017-18 से ही देश के चुनिंदा बाघ अभयारण्यों द्वारा संरक्षण ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
सोर्स- आईएएनएस
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ bhaskarhindi.com की टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Created On :   15 Jun 2022 3:01 PM IST