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सोलर पम्प से सिंचेंगे खेत, मिलेगा पीने का पानी, 450 किसान जुड़े योजना से
डिजिटल डेस्क उमरिया । ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली के उपयोग बिना सरलता से पेयजल उपलब्ध कराने तथा किसानों को सिचाई सुविधा प्रदान करने शासन द्वारा सोलर पंप स्थापित कराए जा रहे हैं। इससे बिजली से आने वाली कठिनाइयों से ग्रामीणों को छुटकारा मिल जाएगा। शासन के अक्षय उर्जा विभाग ने एक ओर ग्रामपंचायतों में पेयजल हेतु 100 की संख्या में सोलर सिस्टम स्थापित कराए हैं और दूसरी ओर 150 किसानों को सिंचाई हेतु 1 एचपी से लेकर 5 एचपी तक के पंप प्रदाय किए हैं। जिले में प्रथम चरण में 450 पंपों की स्थापना का लक्ष्य है। 300 पंप अभी स्थापित कराए जाएंगे। जिसके लिए आवेदनों की प्रक्रिया चल रही है। किसानों को सुबह से लेकर शाम 4-5 बजे तक सूर्य की ऊर्जा से भरपूर पानी मिल सकेगा और उन्हे भारी भरकम बिजली के बिल की बचत होगी। इसके अलावा पेयजल मेंं भी आवश्यकतानुसार स्विच चालू कर ग्रामीण पानी प्राप्त कर सकते हैं। वर्तमान में लोक स्वास्थ्य यांत्रकीय विभाग द्वारा स्थापित नलजल योजनाओं में बार-बार तकनीकी खराबी आने से अक्सर वाटर सप्लाई ठप्प पड़ जाती है और ग्रामीणों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ता है।
सूर्य की ऊर्जा से जलप्रदाय की व्यवस्थाा
किसान अपनी आवश्यकतानुसार खेतों की सिंचाई के लिए सोलर सिस्टम स्थापित करा रहे हैं। सौर ऊर्जा संचित होने के बाद स्विच चालू करते ही पाइपों से पानी खेतों में पहुंचेगा और सिंचाई होगी। इसके लिए शासन 90 प्रतिशत अनुदान पर सोलर सिस्टम किसानों को उपलब्ध करा रही है। एक एचपी क्षमता पंप के लिए 18 हजार 6 सौ रुपए तथा 5 एचपी के लिए 72 हजार रुपए की लागत आ रही है। जबकि पेयजल के लिए पीएचई द्वारा लगवाए गए सोलर पंपों की लागत करीब पौने 2 लाख रुपए है। ग्रामीण क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता के लिये प्राकृतिक संसाधनों से ही व्यवस्था की जा रही है।
मोटर जली, आपरेटर नहीं जैसी समस्याओं का अंत
पूर्व उपसरपंच जागेश्वर शर्मा तथा ग्रामीण सज्जन पटेल ने कहा कि सोलर सिस्टम में टंकी बनवाना जरूरी नहीं रहता है। पैनल के समीप स्विच लगा रहता है, जिसे भी पानी चाहिए वह स्विच चालू कर पाइप से सीधे अपने बर्तन में पानी भरकर स्विच बंद कर सकता है। जबकि नलजल योजना में मोटर पंप स्थापित होता है और बिजली से मोटर चलाकर पानी की सप्लाई दी जाती है। यहां आए दिन यह सुनने को मिलता है कि योजना की मोटर जल गई, आपरेटर का भुगतान नहीं करने से वह ड्यूटी नहीं करता है। इसलिए सप्लाई बंद है। ग्रामपंचायतों ने बिल जमा नहीं किया इसलिए कनेक्शन कट गया। विद्युत से चलने वाली नलजल योजनाओं में इन परेशानियों की मार झेलनी पड़ती है और इसीलिए योजनाएं सुचारू रूप से नहंी चल पातीं हैं। सोलर पंपों में इन तमाम परेशानियों से छुटकारा मिल जाएगा।
इनका कहना है
जिले में विद्युत उर्जा की खपत कम करने और ग्रामीणों की सुविधाएं बढ़ाने सोलर पंप स्थापित किए जा रहे हैं। अभी प्रथम चरण में 450 पंपों की स्थापना के बाद अगले चरण का कार्य शुरू किया जाएगा।
आरके वर्मा, जिला अधिकारी अक्षय ऊर्जा विभाग
Created On :   23 Feb 2018 5:17 PM IST