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डाॅ. पठान व मनोहर म्हैसालकर को राम शेवालकर पुरस्कार
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अ.भा. मराठी साहित्य महामंडल का राम शेवालकर वाड्मय पुरस्कार संत वाड्मय अभ्यासक औरंगाबाद के यू.म. पठान और वाड्मय क्षेत्र के वरिष्ठ कार्यकर्ता मनोहर म्हैसालकर को देने का निर्णय महामंडल द्वारा िनयुक्त की गई समिति ने लिया है। दोनों पुरस्कारों की घोषणा महामंडल के अध्यक्ष प्राचार्य कौतिकराव ठाले पाटिल ने की। इस अवसर पर महामंडल के कार्यवाह डॉ. दादा गोरे तथा कोषाध्यक्ष डॉ. रामचंद्र कालुंखे उपस्थित थे। प्राचार्य राम शेवालकर परिवार द्वारा प्रत्येक वर्ष उनके नाम से एक लाख रुपए का पुरस्कार प्रायोजित किया जाता है। यह पुरस्कार श्रेष्ठ लेखक, कवि, भाषा अभ्यासक, वक्ता, संत वाड्मय अभ्यासक, संशोधक और वाड्मय क्षेत्र में दीर्घकाल तक काम करने वाले साहित्य संस्थात्मक वरिष्ठ कार्यकर्ता को दिया जाता है।
20 पुस्तकें हो चुकीं प्रकाशित
डॉ. यू.म. पठान को मराठी संत वाड्मय क्षेत्र के वरिष्ठ अभ्यासक व संशोधक के नाम से जाना जाता है। संत वाड्मय पर उनकी 20 पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। कुल संग्रह लगभग 40 हैं। डॉ. पठान को विविध संस्थाओ द्वारा पुरस्कृत किया जा चुका है। भारत सरकार द्वारा वाड्मयीन कार्य के लिए राष्ट्रपति के हस्ते उनको पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। वे पुणे में आयोजित 63वें अखिल भारतीय मराठी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
40 वर्षों से साहित्य संघ में कर रहे काम
मनोहर म्हैसालकर पिछले 10 वर्षों से विदर्भ साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष रह चुके हैं। साथ ही वे अखिल भारतीय मराठी साहित्य महामंडल के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने 1982 में विदर्भ साहित्य संघ के महासचिव के रूप में पदभार संभाला था। वे पिछले 40 वर्षों से विदर्भ साहित्य संघ में काम कर रहे हैं।
Created On :   29 Oct 2021 4:02 PM IST