विदेश में घरेलू हिंसा, भारत में चल सकता है मुकदमा

Domestic violence abroad, case can be filed in India
विदेश में घरेलू हिंसा, भारत में चल सकता है मुकदमा
नागपुर निवासी महिला को राहत विदेश में घरेलू हिंसा, भारत में चल सकता है मुकदमा

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  विदेश में रहने वाली भारतीय महिला के साथ विदेशी धरती पर घरेलू हिंसा हो, तब भी उसका मुकदमा भारत में चलाया जा सकता है। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने इस निरीक्षण के साथ नागपुर निवासी पीड़ित महिला को राहत दी है। न्या. जी. ए. सानप ने अपने फैसले में कहा है कि घरेलू हिंसा से सुरक्षा अधिनियम एक समाज हितकारी कानून है। विदेश में रह रही भारतीय महिलाओं के हितों का भी ध्यान रखा गया है। हाई कोर्ट ने इस राय के साथ जर्मनी में नौकरी कर रहे और मूलत: मुंबई निवसी पति पर दर्ज मुकदमा खारिज करने से इनकार किया है। पति की याचिका को हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया है।

गर्भपात कराने के लिए दबाव डाला
इस दंपति का विवाह वर्ष 2020 में हुआ था। कुछ दिन पत्नी मुंबई में ससुराल वालों के साथ रही और साल के अंत में पति के साथ जर्मनी चली गई। पीड़िता का आरोप है कि मुंबई में रहने के दौरान ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित किया। मायके वालों के खिलाफ आपत्तिजनक बातें की। जर्मनी में पति के साथ रहने के दौरान भी स्थिति ठीक नहीं हुई। पति ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। यहां तक की गर्भपात कराने के लिए भी दबाव डाला। इससे परेशान होकर महिला अपने मायके नागपुर लौट आई और पति के खिलाफ घरेलू हिंसा का मुकदमा दायर कर दिया।

पति की दलील
पति ने मामला खारिज करने के लिए मुख्य न्याय दंडाधिकारी के समक्ष अर्जी दायर की, लेकिन वहां से अर्जी खारिज होने के बाद उसने हाई कोर्ट की शरण ली, जहां पति की दलील थी कि भारतीय न्यायालय को इस प्रकरण में सुनवाई का अधिकार नहीं है, क्योंकि पति जर्मनी में रह रहा है। हाई कोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद उक्त निरीक्षण के साथ पति की याचिका खारिज की है।
 

Created On :   22 April 2023 6:54 PM IST

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