अगली सुनवाई तक कंगना को न बुलाएं पुलिस स्टेशन -HC

Do not call Kangana police station till next hearing -HC
अगली सुनवाई तक कंगना को न बुलाएं पुलिस स्टेशन -HC
अगली सुनवाई तक कंगना को न बुलाएं पुलिस स्टेशन -HC

डिजिटल डेस्क,मुंबई।  बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि पुलिस नफरत फैलाने व देशद्रोह से जुड़े मामले को लेकर अगली सुनवाई तक फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को पुलिस स्टेशन में पूछताछ के लिए न बुलाए। इसके साथ ही अदालत ने रनौत व उनकी बहन रंगोली को इस मामले  में गिरफ्तारी से मिली राहत को भी बरकरार रखा है। मामले को लेकर पुलिस के रुख से नाराज अदालत ने कहा कि ‘क्या पुलिस के पास सिर्फ यही मामला जांच के लिए है उसके पास दूसरे प्रकरण तहकीकात के लिए नहीं हैं क्याॽ   कोर्ट ने कहा कि पुलिस अगली तारीख तक मिले समय का इस्तेमाल दूसरे मामले की जांच के लिए करे। इस दौरान कोर्ट ने रनौत पर देशद्रोह का मामला दर्ज करने पर भी चिंता जाहिर की। हाईकोर्ट में रनौत की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई चल रही है। जिसमें रनौत ने खुद के लिए दर्ज की गई एफआईआर को रद्द करने की मांग की है। एक निजी शिकायत पर सुनवाई के बाद मैजिस्ट्रेट कोर्ट के आदेश पर रनौत के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में रनौत पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक तनाव, नफरत फैलाने व देशद्रोह का आरोप लगाया गया है।  

सोमवार को यह याचिका न्यायमूर्ति एस एस शिंदे व न्यायमूर्ति मनीष पीटाले की खंडपीठ के सामने सुनवाई के लिए आयी। इस दौरान सरकारी वकील दीपक ठाकरे ने कहा कि अदालत के निर्देश के तहत याचिकाकर्ता (रनौत) 8 जनवरी 2021 को पुलिस के सामने हाजिर हुई थी। पुलिस की जांच अभी अधूरी है क्योंकि पुलिस ने रनौत से सिर्फ दो घंटे ही पूछताछ की है। वे जांच में सहयोग नहीं कर रही है। इसलिए रनौत को फिर से जरूरत पड़ने पर पुलिस स्टेशन ने हाजिर होने के लिए कहा जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा की इस तरह के मामले में क्या जांच के पुलिस को दो घंटे पर्याप्त नहीं है?आखिर पुलिस को जांच के लिए कितना वक़्त चाहिए। आखिर पुलिस किस तरह का सहयोग याचिकाकर्ता से चाहती है। 

वहीं मामले में शिकायतकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता रिजवान मर्चेंट ने खंडपीठ से कहा कि अदालत के निर्देश के बावजूद याचिकाकर्ता का ट्विट करना नहीं रुका है। क्योंकि पुलिस स्टेशन से निकलने के बाद याचिकाकर्ता ने कहा है कि उसे प्राताडित किया जा रहा है। क्या कोर्ट के निर्देश के बाद पुलिस स्टेशन जाना टॉर्चर है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने ट्वीट करके अदालत के आदेश का उल्लंघन किया है। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को आने वाले समय में ट्वीट करने से रोका जाए। उन्होंने कोर्ट से इस मामले में जवाब देने के लिए समय की भी मांग की।  इससे पहले रनौत के वकील रिजवान सिद्दीकी ने कहा कि इस मामले की जांच पर रोक लगाई जाए। इसके साथ ही पुलिस को जांच की वीडियो रिकॉर्डिंग करने से रोका जाए। 

देशद्रोह की धाराओं पर अदालत ने जताई चिंता 
इस दौरान उन्होंने मामले से जुड़ी एफआईआर पर भी सवाल उठाए। मामले से जुड़े सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने कहा कि हम इस मामले में याचिकाकर्ता पर देशद्रोह को लेकर लगाई गई धारा को लेकर चिंतित हैं । खंडपीठ ने फिलहाल मामले की सुनवाई 25 जनवरी 2021 तक के लिए स्थगित कर दी है और तब तक पुलिस को रनौत को पुलिस स्टेशन न बुलाने को कहा है। 
    
    
 

Created On :   11 Jan 2021 12:42 PM GMT

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