जिला अस्पताल चल रहा 8 डायलिसिस मशीन के भरोसे

District hospital is running on the basis of 8 dialysis machines
जिला अस्पताल चल रहा 8 डायलिसिस मशीन के भरोसे
मरीज परेशान जिला अस्पताल चल रहा 8 डायलिसिस मशीन के भरोसे

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर।  चंद्रपुर जिला औद्योगिक जिला है। यहां आम नागरिकों के साथ गरीब परिवार भी बड़े संख्या में हैं। उद्योगाें के माध्यम से हाेने वाले प्रदूषण से जिले के कई लोग बीमारी से ग्रस्त हैं। विविध बीमारी के साथ जिले में लगभग 5 हजार से अधिक मरीजों को किडनी की बीमारी है। यह बीमारी बढ़ने पर मरीजों को नियमित डायलिसिस करना पड़ता है। चंद्रपुर के सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में वर्तमान स्थिति में 9 डायलिसिस मशीन होकर उनमें से केवल 8 डायलिसिस मशीन कार्यरत है। यह मशीन मरीजों की तुलना में काफी कम है, जिससे मरीजों तथा परिजनों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिससे अस्पताल में तत्काल अतिरिक्त 10 डायलिसिस मशीन बढ़ाने की मांग राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस प्रदेश कार्याध्यक्ष नितीन भटारकर ने चंद्रपुर सरकारी वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल के अधिष्ठाता डॉ. अशोक नितनवरे से की। चंद्रपुर जिले में मरीजों की संख्या बड़े पैमाने पर है।

साथ ही इस उपचार के लिए गड़चिरोली व यवतमाल तथा कुछ तेलंगाना राज्य के मरीज भी यहां आते हैं।  जिससे चंद्रपुर के जिला सरकारी अस्पताल की 8 डायलिसिस मशीन कम पड़ रही है। चंद्रपुर वैद्यकीय महाविद्यालय व अस्पताल में तत्काल लगभग 10 अतिरिक्त डायलिसिस मशीन व विभाग बढ़ाने की मांग का निवेदन पालकमंत्री सुधीर मुनगंटीवार, सांसद बालू धानोरकर, पूर्व पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार, विधायक किशोर जोरगेवार, विधायक सुभाष धोटे, विधायक प्रतिभा धानोरकर, विधायक बंटी भांगडीया, जिलाधिकारी अजय गुल्हाने, जिला शल्यचिकित्सक निवृत्ति   राठोड, अधिष्ठाता डॉ.अशोक नितनवरे सौंपा गया। इस अवसर पर राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के   प्रदेश कार्याध्यक्ष नितीन भटारकर के नेतृत्व में पंचायत समिति सदस्य पंकज ढेंगारे, विधानसभा अध्यक्ष सुनील काले, राष्ट्रवादी कामगार सेल के जिला उपाध्यक्ष संजय शेजुल, पूर्व सरपंच अमोल ठाकरे, नितीन घुबडे, रोशन फुलझेले, राष्ट्रवादी विद्यार्थी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष सुजित उपरे, सौरभ घोरपडे, ग्रा.पं. सदस्य अनुकूल खंन्नाले उपस्थित थे। 

निजी अस्पताल में करवाना पड़ रहा इलाज
जिले के सरकारी अस्पताल में डायलिसिस की पर्याप्त सुविधा उपलब्ध नहीं होने से यहां उपचार के लिए आनेवाले मरीजांे को मजबूरी में निजी अस्पताल का सहारा लेना पड़ रहा है, जिससे मरीजों सहित परिवार के लोगों को अतिरिक्त 3 हजार 500 रुपए का आर्थिक नुकसान भी सहना पड़ रहा है। सरकारी अस्पताल में ज्यादातर गरीब तथा मध्यमवर्गीय लोग उपचार के लिए आते हैं। अस्पताल में आनेवाला मरीज यदि महात्मा ज्योतिबा फुले इस योजना अंतर्गत पात्र हुआ तो उस पात्र मरीज को डायलिसिस की नि:शुल्क सुविधा दी जाती। जो मरीज इसमें पात्र नहीं लेकिन उनके पास राशन कार्ड है ऐसे मरीजों से प्रति डायलिसिस केवल 270 रुपए खर्च आता है। 
 

Created On :   11 Oct 2022 2:44 PM IST

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