सातवें वेतन के लिए जिला परिषद कर्मियों को करना होगा इंतजार

District council personnel will wait seventh commission salary
सातवें वेतन के लिए जिला परिषद कर्मियों को करना होगा इंतजार
सातवें वेतन के लिए जिला परिषद कर्मियों को करना होगा इंतजार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद कर्मचारियों को सातवें वेतन के लिए और इंतजार करना होगा। राज्य सरकार ने पंचायतराज सेवार्थ प्रणाली में सुधार होने तक राज्य भर के जिला परिषद कर्मचारियों को छठवें वेतनमान अनुसार ही वेतन देने का निर्णय लिया है। सेवार्थ प्रणाली में सुधार कार्य के लिए डेढ़ से दो महीने का वक्त लग सकता है। सरकार ने सेवार्थ प्रणाली लागू करते समय आने वाली दिक्कतों का निराकरण करने के लिए महाराष्ट्र सूचना तकनीक महामंडल को सूचना दी है। ऐसे में 7वें वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार, पंचायतराज सेवार्थ प्रणाली के यूजर एक्सेप्टन्स टेस्टिंग के लिए अनुसार समिति गठित की गई है। समिति यूजर एक्सेप्टन्स टेस्टिंग करेगी और उसकी रिपोर्ट आगामी 15 दिन में सरकार को देगी। 

जान-बूझकर सातवां वेतन रोकने का आरोप 
सरकार की इस पूरी प्रक्रिया पर ही जिप कर्मचारियों ने सवाल उठाया है। इसे सातवें वेतन की सिफारिश लागू करने से बचने का बहाना बताया है। नागपुर जिप कर्मचारी महासंघ के महासचिव एन.एल सावरकर ने बताया कि राज्य सरकार ने प्रदेश की सभी 33 जिप के कर्मचारियों को पंचायत राज सेवार्थ प्रणाली द्वारा लागू करने का निर्णय 19 नवंबर 2012 में लिया था। यह प्रणाली अब तक सफल साबित नहीं हुई है। यह प्रणाली लागू होने के बाद जिप कर्मचारियों का वेतन कभी भी समय पर नहीं मिला है। वेतन 2 से 6 महीने तक वेतन रुके रहे। 

भेदभाव के आरोप
कारण सरकार की बीडीएस सिस्टम बंद रखी जाती है। बजट डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम जानबूझकर बंद रखकर वेतन का अनुदान रोक दिया जाता है। अभी भी मार्च और अप्रैल का वेतन नहीं मिला है। श्री सावरकर ने बताया कि सरकार ने 1 जनवरी 2019 से सातवां वेतन आयोग लागू करने का निर्णय लिया था, लेकिन नगद बकाया अभी भी नहीं दिया गया है। खासकर जिप कर्मचारियों से इस बारे में भेदभाव किया जा रहा है। सेवार्थ प्रणाली रद्द करने के बजाए उसे सुधार के नाम ढोंग रचा जा रहा है। महासंघ ने मांग की है कि सरकार सेवार्थ प्रणाली बंद कर पहले की तरह मानव प्रणाली शुरू करें। 

संगठनों ने किया निषेध 
महासंघ का दावा है कि 7वें वेतन आयोग की सिफारिश लागू करने के लिए पंचायत राज सेवार्थ प्रणाली की यूजर एक्सेप्टन्स टेस्टिंग के लिए समिति गठित करना सिर्फ जिप कर्मचारियों पर अन्याय लादने, आर्थिक परेशान करने के लिए है। इससे कर्मचारियों में असंतोष है। महासंघ के महासचिव एन.एल. सावरकर, राजेंद्र गंगोत्री, विलास बारापात्रे, संजय धोटे, विनोद टेंभुर्णे, विजय जामनेकर, मिथिलेश देशमुख, नरेश इटनकर आदि ने इसका निषेध किया है।

Created On :   6 May 2019 11:50 AM IST

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