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डिप्लोमा मान्य नहीं इंजीनियर की बर्खास्तगी सही
डिजिटल डेस्क, नागपुर । अवैध डिप्लोमा के आधार पर नागपुर मेट्रो में सीनियर सेक्शन इंजीनियर की नौकरी पाने वाले व्यक्ति की बर्खास्तगी को बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने सही करार दिया है। महाराष्ट्र मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 31 अक्टूबर 2020 को अपने इस कर्मचारी को बर्खास्त किया था, जिसके खिलाफ कर्मचारी ने हाईकोर्ट की शरण ली थी।
आरोप सच साबित हुए
19 सितंबर 2016 को महामेट्रो ने विविध तकनीकी पदों पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी किया। याचिकाकर्ता सिबासिस नायक ने सीनियर सेक्शन इंजीनियर पद के लिए आवेदन किया और उसका चयन हो गया। उन्हें 31 मई 2017 को नियुक्ति-पत्र जारी किया गया। बाद में पता चला कि याचिकाकर्ता के पास संबंधित पद के लिए पात्रता ही नहीं थी। आरोप लगा कि उसने अवैध डिप्लोमा सर्टिफिकेट के जरिए नौकरी हासिल की। 13 अप्रैल 2020 को महामेट्रो ने उसके खिलाफ चार्जशीट जारी कर निलंबित कर विभागीय जांच बैठाई। जांच में पता चला कि याचिकाकर्ता ने राजस्थान के जिस विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रॉनिक्स व टेलीकम्यूनिकेशन में डिप्लोमा हासिल किया, उस विवि को ऐसा तकनीकी पाठ्यक्रम चलाने के लिए एआईसीटीई से मंजूरी नहीं थी।
जांच रोकने से किया इनकार
याचिकाकर्ता ने निलंबन और चार्जशीट को हाईकोर्ट में चुनौती दी, लेकिन हाईकोर्ट ने विभागीय जांच रोकने से इनकार करते हुए याचिका खारिज कर दी। विभागीय जांच में याचिकाकर्ता के खिलाफ लगे सभी आरोप सच साबित हुए। जिसके आधार पर 31 अक्टूबर 2020 को मेट्रो ने याचिकाकर्ता की सेवा समाप्त कर दी। कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता अपनी बर्खास्तगी को गलत साबित नहीं कर पाया है।
Created On :   12 Sept 2022 6:31 AM GMT