म्यांमार से तस्करी कर लाए गए जब्त जानवरों को समायोजित करने की मुश्किल

Difficult to accommodate confiscated animals smuggled from Myanmar in Mizoram
म्यांमार से तस्करी कर लाए गए जब्त जानवरों को समायोजित करने की मुश्किल
मिजोरम म्यांमार से तस्करी कर लाए गए जब्त जानवरों को समायोजित करने की मुश्किल

 डिजिटल डेस्क, आइजोल। मिजोरम के वन्यजीव और वन अधिकारी बड़ी संख्या में विदेशी जानवरों को समायोजित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिन्हें म्यांमार से तस्करी करके लाए जाने के बाद विभिन्न सुरक्षा बलों द्वारा जब्त किया गया था।

वन अधिकारियों ने कहा कि पिछले कई महीनों के दौरान असम राइफल्स, मिजोरम पुलिस और विभिन्न अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा दक्षिण पूर्व एशियाई देशों से तस्करी कर लाई गई लुप्तप्राय प्रजातियों समेत 400 से अधिक विदेशी जानवरों को जब्त किया।

आइजोल जूलॉजिकल गार्डन के अधिकारियों ने कहा कि चिड़ियाघर में उचित और वैज्ञानिक आवास और जब्त किए गए जानवरों की देखभाल के लिए जगह, उपयुक्त बाड़ों और प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी के कारण गंभीर समस्याएं पैदा हुई हैं। विभिन्न स्थानीय अदालतों ने चिड़ियाघर प्राधिकरण से जब्त किए गए जानवरों को ठीक से समायोजित करने के लिए कहा, जिससे राज्य के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग को कई समस्याएं हो रही हैं।

विभाग ने जगह की समस्या के बीच जब्त पशुओं के लिए कई नए बाड़े भी बनवाए, लेकिन इन पशुओं की देखभाल के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति भी एक बड़ी समस्या है। अधिकारियों के अनुसार, अदालत के आदेश के बाद, लगभग 320 जानवरों को आइजोल जूलॉजिकल गार्डन भेजा गया और उनमें से 300 से अधिक अब तक बच गए और उन्हें खाली बाड़ों के साथ-साथ नव-निर्मित बाड़ों में रखा गया।

चिड़ियाघर में कई सरीसृप मर गए जबकि कुछ को मृत लाया गया। अधिकारी अब लगभग 50 जब्त किए गए मगरमच्छों के बच्चे को समायोजित करने की व्यवस्था करने की कोशिश कर रहे हैं। वन्यजीव विशेषज्ञों ने बताया कि बड़ी संख्या में तस्करी किए गए जानवरों की बरामदगी के बाद उन्हें केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार उचित आहार और देखभाल के साथ उचित संगरोध में रखा जाना चाहिए, लेकिन ज्यादातर मामलों में ऐसा नहीं किया जाता है।

यूथ फॉर एनवायरनमेंट जस्टिस मिजोरम (वाईईजेएम) ने इसके संयोजक वनरामछुआंगी के नेतृत्व में हाल ही में मिजोरम के राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति से मुलाकात की। वनरामचुआंगी ने राज्यपाल से कहा, जानवरों की बरामदगी के बाद, उन्हें अस्थायी रूप से अस्थायी बचाव केंद्रों और चिड़ियाघर में स्थापित अन्य बाड़ों में रखा जा रहा है। जानवरों की खराब देखभाल की जा रही है और खराब भोजन दिया जा रहा है।

एक अस्थायी समाधान के लिए, वाईईजेएम ने म्यांमार की सीमा से सटे आइजोल और चम्फाई में जानवरों के लिए होल्डिंग सुविधाओं के निर्माण का प्रस्ताव दिया। राज्यपाल ने इस बात की सराहना की कि मिजोरम के युवा अब उन गतिविधियों के प्रति चिंता दिखा रहे हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से मिजोरम के पर्यावरण को प्रभावित कर रहे हैं।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 Nov 2022 12:30 AM IST

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