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चंद्रपुर के हाथियों की रवानगी, गड़चिरोली में विरोध जारी
डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर. गड़चिरोली। केंद्र सरकार के आदेश के बाद अब विदर्भ से हाथियों को गुजरात भेजा जा रहा है। चंद्रपुर के ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प के बोटेझरी हाथी कैम्प में रखे छह हाथियों को गुरुवार सुबह गुजरात के जामनगर रवाना कर दिया गया। इधर गड़चिरोली के कमलापुर स्थित हाथी कैम्प और पातानिल के हाथियों काे भी गुजरात भेजने के आदेश जारी किए गए हैं। जिनका स्थानांतरण रोकने के लिए विरोध के सुर तेज होने लगे हैं।
ताड़ोबा से छह हाथी भेजे गए जामनगर
अब ताड़ोबा में पर्यटकों को हाथी के दर्शन नही होंगे क्योंकि गुजरात में हाथी स्थानांतरण के विरोध के बीच आखिरकार ताड़ोबा बाघ प्रकल्प के बोटेझरी हाथी कैम्प में रखे गए 6 हाथियों को गुरुवार सुबह छह बजे के दरम्यान ट्रकों में भरकर गुजरात के जामनगर के लिए भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार ताड़ोबा-अंधारी बाघ प्रकल्प में 4 नर व 2 मादा ऐसे कुल 6 हाथी कोलसा वनपरिक्षेत्र के बोटेझरी हाथी कैम्प में रखे गए थे। इसके पूर्व हाथी कैम्प मोहर्ली में था। सभी हाथी एक ही वंश के होने के चलते भविष्य में गंभीर स्वरूप के दोष निर्माण होने की संभावना थी। ऐसे में विविध कारणों के चलते हाथियों को अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के संबंध में वरिष्ठ स्तर पर पत्राचार किया गया था। महाराष्ट्र सरकार ने हाथियों के आगे का जीवन उचित स्वास्थ्य व उच्च दर्जे के वैद्यकीय देखरेख के लिए प्रशिक्षित व अनुभवी पशुवैद्यकीय अधिकारी के माध्यम से उपचार की सुविधा और आधुनिक सेवा सुनिश्चित करने व रहने के लिए अधिक जगह वाले जामनगर स्थित राधे कृष्ण टेंपल एलिफंट वेलफेयर ट्रस्ट में ताड़ोबा के 6 हाथियों को स्थानांतरित करने का निर्णय लिया। प्रोजेक्ट एलिफंट विभाग व केंद्रीय प्राणी संग्रहालय, मंत्रालय, पर्यावरण, वन और मौसम बदलाव, भारत सरकार द्वारा भी एनओसी मिली। मुख्य वन्यजीव रक्षक, गुजरात राज्य द्वारा भी हाथियों को स्थानांतरित करने संबंध में एनओसी दी गई। राधे कृष्णा मंदिर एलिफंट वेलफेयर ट्रस्ट, जामनगर, गुजरात ने भी सभी हाथियों की आजीवन देखभाल करने संबंध में सहमति दी। गुरुवार को सभी हाथियों को ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प के बोटेझरी हाथी कैम्प से नागपुर मार्ग होते हुए अहमदाबाद-जामनगर में 6 वाहनों में भरकर भेजा गया।
कनार्टक से लाए जाएंगे प्रशिक्षित हाथी
आज ताड़ोबा के 6 हाथियों को जामनगर रवाना किया गया। इसके बाद ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र प्रकल्प में कर्नाटक से प्रशिक्षित हाथी लाए जाएंगे। -डा.जितेंद्र रामगावकर, क्षेत्र संचालक ताड़ोबा अंधारी बाघ प्रकल्प, चंद्रपुर।
कमलापुर में हाथियों के लिए उठी आवाज
अहेरी तहसील के कमलापुर और आलापल्ली के पातानिल के हाथियों का गुजरात राज्य के जामनगर में स्थानांतरण करने का फैसला लिया गया है। इस फैसले के खिलाफ अब गड़चिरोली जिले में सर्वदलीय नेताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। फैसले को यथाशीघ्र रद्द न करने पर तीव्र आंदोलन छेड़ने की चेतावनी भी नेताओं ने दी है। बता दें कि, कमलापुर हाथी कैम्प के 4 हाथियों समेत पातानिल के हाथियों के स्थानांतरण का फैसला केंद्र सरकार ने लिया है। फैसले के खिलाफ हाल ही में अहेरी के युवाओं ने सड़क पर उतरकर आंदोलन किया था। इसके बाद अब धीरे-धीरे कमलापुर के समर्थन में आवाजें उठने लगी हैं।
जिला परिषद के पूर्व अध्यक्ष अजय कंकडालवार ने सरकार के इस फैसले पर एतराज जताया है। उन्होंने बताया कि, कमलापुर के हाथी जिले की शान है। हाथियों के कारण ही कमलापुर में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिला है। वर्ष 1980 के दशक में कमलापुर नक्सलियों के आधार क्षेत्र के रूप में परिचित था। लेकिन अब यहीं क्षेत्र हाथियों के कारण मशहूर होने लगा है। यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ने लगी है। हाथियों की उचित देखभाल और क्षेत्र का विकास करने के बजाए सरकार ने हाथियों के स्थानांतरण का फैसला लिया है। सरकार का यह फैसला पूरी तरह गलत होकर फैसला रद्द करने की मांग कंकडालवार ने की है। वहीं युवक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष लॉरेंस गेडाम ने भी सरकार के इस फैसले पर नाराजी जताई है। कमलापुर में हाथियों के लिए पर्यावरणपूरक जगह उपलब्ध है। हाथियों का परिवार यहां बढ़ने भी लगा है। वर्तमान में यहां छोटे-बड़े 8 हाथी मौजूद हैं। यदि इनमें से 4 हाथियों का स्थानांतरण गुजरात में किया गया तो शेष चार हाथी अपने परिवार से बिछड़ जाएंगे। फलस्वरूप हाथियों का स्थानांतरण तत्काल रद्द करने की मांग गेडाम ने की है।
Created On :   20 May 2022 3:23 PM IST