लोकसभा में उठी अण्णा भाऊ साठे को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की मांग

Demand for posthumous Bharat Ratna to Anna Bhau Sathe arose in Lok Sabha
लोकसभा में उठी अण्णा भाऊ साठे को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की मांग
शून्यकाल लोकसभा में उठी अण्णा भाऊ साठे को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ देने की मांग

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। शिवसेना शिंदे गुट के सांसद धैर्यशील माने ने केन्द्र सरकार से मराठी साहित्यकार अण्णा भाऊ साठे को मरणोपरांत ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करने और उनके गांव वाटेगांव में उनकी याद में एक राष्ट्रीय स्मारक बनाने की मांग की है। उन्होंने यह मांग  लोकसभा में शून्यकाल के दौरान उठाई।

धैर्यशील माने ने कहा कि अण्णा भाऊ साठे मराठा साहित्य के एक श्रेष्ठ रचनाकार थे। दलित परिवार से आने वाले अण्णा भाऊ का जन्म 1 अगस्त 1920 को सांगली जिले के वाटेगांव में हुआ था। वर्ष 2020 में उनकी जन्म शताब्दी हुई। डेढ़ दिन की पाठशाला सीखे हुए अण्णा भाऊ साठे ने 30 उपन्यास, 16 कहानी संग्रह, एक नाटक, 10 लोक नाट्य अपने जीवन प्रवास में लिखे। उनके उपन्यास पर मराठी फिल्म भी बनी।  अण्णा भाऊ साठे द्वारा फकीरा नाम उपन्यास को राष्ट्रीय मान्यता मिली और 27 भाषाओं में उसका अनुवाद किया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि उनका पवाडा प्रसिद्ध होते ही रूस सरकार ने उन्हें आमंत्रित किया और रूस में उनके पवाड़े को प्रसिद्धि मिली। ऐसे में सांसद ने मांग की कि अण्णा भाऊ साठे को भारत रत्न से सम्मानित किया जाए।

 

Created On :   9 Aug 2022 12:36 PM IST

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