नये साल के शुरू में मिल जायेगा दिल्ली को पुलिस-महासंघ!

Delhi will get police-federation at the start of new year!
नये साल के शुरू में मिल जायेगा दिल्ली को पुलिस-महासंघ!
नये साल के शुरू में मिल जायेगा दिल्ली को पुलिस-महासंघ!

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। तीस हजारी कांड में वकीलों के हाथों में फंसे दिल्ली पुलिस के हवलदार-सिपाहियों के जख्मों की टीस अभी तक बरकरार है। वकीलों ने जो दर्द जख्म दिए सो दिए, वकीलों से ज्यादा गहरे अपने महकमे के आला-अफसरों से मिले जख्म भी अभी तक जस-के-तस हैं। आइंदा कभी भी किसी के हाथों पिटने के बाद हवलदार-सिपाहियों को न्याय के लिए अपने ही आला-अफसरों के सामने गिड़गिड़ाना न पड़े, इसके पुख्ता इंतजाम किए जाने की शुरुआत लगभग हो चुकी है दिल्ली पुलिस महासंघ बनाने की ओर बढ़ रहे कदमों की आहट-सुगबुगाहट से।

यह बीणा उठाया है दिल्ली पुलिस के ही रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) वेद भूषण ने। वेद भूषण ने जो योजना बनाई अगर वो फलीभूत हो गई, तो उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड हवलदार-सिपाहियों के जख्मों को भी जमाने में कोई सहलाने वाला मिल जाएगा। इस महासंघ के गठन की रुपरेखा के मद्देनजर ही 12 जनवरी 2020 को एक बड़े समारोह का आयोजन किया गया है। यह समारोह उत्तरी दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके में मौजूद राजपत्रित अधिकारी मैस (जीओज मैस) में दोपहर बारह बजे होगा।

दिल्ली पुलिस महासंघ में सिपाही, हवलदार, सब-इंस्पेक्टर, इंस्पेक्टर से लेकर रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त स्तर तक के अधिकारी शामिल किए जाएंगे। हालांकि इसके अलावा भी अगर कोई उच्च पद पर रहा पुलिस अधिकारी (रिटायर्ड) दिल्ली पुलिस महासंघ में शामिल होना चाहेगा, तो उस पर कोई पाबंदी नहीं है। दिल्ली पुलिस महासंघ की नींव रख चुके रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त वेद भूषण ने रविवार रात यह जानकारी आईएएनएस से बात करते हुए दी।

उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि इस महासंघ के गठन के बाद दिल्ली पुलिस का कोई भी कर्मचारी मुसीबत के वक्त में खुद को अनाथ नहीं महसूस करेगा। अपनों के ही सामने अपनों के बीच में। यह सही है कि वर्दी में यूनियन नहीं बन सकती है। मगर रिटायर्ड पुलिस कर्मचारी अफसरान तो अपने नौकरीशुदा साथियों की मदद कर सकते हैं। इस पर तो कहीं कोई पाबंदी नहीं है। मैंने भी बस इतना ही सोचा है। आगे जो होगा वह सिर्फ दिल्ली पुलिस के परेशान हाल और मुसीबत में फंसे पुलिसकर्मियों की मदद होगी। इसके सिवा कुछ नहीं। दिल्ली पुलिस महासंघ में शामिल तो सिपाही से लेकर साहब तक होंगे मगर इसे राजनीति का अखाड़ा कतई नहीं बनने दूंगा। जो भी पुलिसकर्मियों के हित की बात करेगा वही दिल्ली पुलिस महासंघ का हिस्सा होगा।

दिल्ली पुलिस के पूर्व एसीपी वेद भूषण ने इस महासंघ को लेकर उड़ रही तमाम अफवाहों को विराम देने के लिए यूट्यूब पर अपना एक काफी लंबा वीडियो भी अपलोड किया है। ताकि दिल्ली पुलिस महासंघ को लेकर बे-वजह की कहीं कोई बकवास न हो सके। दिल्ली पुलिस महासंघ के गठन को लेकर हजारों खबरें पिछले दो-तीन दिनों से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी मौजूद हैं।

वेद भूषण ने आईएएनएस से बातचीत में आगे कहा, पुलिस की पूरी जिंदगी में जहां देखा वहीं पुलिस को तोहमतें झेलते देखा है। ऐसा क्यों? जो पुलिस वाला सड़क पर इंसान की जान बचाता है। दिन-रात, सर्दी-गर्मी, बारिश में खुले में खड़ा है। उसे ही तमाम तरीके की लानत-मलामतें भेजना कहां का न्याय है? दिल्ली पुलिस महासंघ अब आइंदा ऐसा नहीं होने देगा। वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मियों की लड़ाई दिल्ली पुलिस महासंघ लड़ेगा। ताकि कानून का पालन भी होता रहे। साथ ही वर्दी में मौजूद पुलिसकर्मी खुद को लावारिस या बे-सहारा न समझें। जैसा दो नवंबर 2019 को दिल्ली की तीस हजारी अदालत में हुई हिंसा में देखने को मिला। या फिर जैसे नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर दिल्ली सहित तमाम राज्यों में देखने को मिला।

वेद भूषण ने कहा, माना कि पुलिस बर्बरता को रोकने के लिए बनी है। तो फिर पुलिस खुद पर हो रही बर्बरता के खिलाफ आखिर आवाज बुलंद क्यों नहीं कर सकती? सिर्फ इसलिए न कि वर्दी में ड्यूटी पर तैनात पुलिस कर्मी विरोध नहीं कर सकता है। कोई बात नहीं दिल्ली पुलिस महासंघ ऐसे में दीवार की मानिंद पीड़ित पुलिस के साथ खड़ा होगा। इस महासंघ में सेवा नियमावली के मुताबिक भले ही पुलिस महकमे में नौकरी करने वाला न जुड़ पाए मगर उसके परिजन, बच्चे तो जुड़ सकते हैं।

दिल्ली पुलिस महासंघ के गठन से खाकी की छवि खराब होकर खाक में मिलने की उम्मीदों को बल मिलेगा? पूछे जाने पर वेद भूषण ने कहा, नहीं ऐसा कतई नहीं है। दिल्ली पुलिस महासंघ दिल्ली तक ही नहीं पूरे देश की पुलिस से जुड़ेगा। दिल्ली पुलिस महासंघ अब ऐसा कुछ नहीं होने देगा जैसा, तीस हजारी कांड के बाद पांच नवंबर 2019 को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर दिल्ली पुलिस के ही तमाम आला पुलिस अफसरों ने धरने पर बैठे अपने हवलदार सिपाहियों और उनके परिवारों के साथ किया।

बकौल वेद भूषण, उस दिन वे सब (हवलदार सिपाही और उनके परिवार) बेबस से दिखाई दे रहे थे। दिल्ली पुलिस महासंघ के बाद अब वो दिन कभी दोबारा किसी पुलिस वाले को देखने के लिए मजबूर नहीं होना पड़ेगा।

वेद भूषण के मुताबिक, इस महासंघ का संरक्षक दिल्ली पुलिस के पूर्व अधिकारी रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और प्रवर्तन निदेशालय के पूर्व महानिदेशक कर्नल सिंह को बनाया गया है।

 

Created On :   30 Dec 2019 11:15 AM IST

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