कांग्रेस में बड़े फेरबदल के आसार, लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद होगा निर्णय 

Decision on major reshuffle in congress, after election results
कांग्रेस में बड़े फेरबदल के आसार, लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद होगा निर्णय 
कांग्रेस में बड़े फेरबदल के आसार, लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद होगा निर्णय 

डिजिटल डेस्क,नागपुर। विधानसभा चुनाव की तैयारी के साथ ही प्रदेश कांग्रेस में बड़े स्तर पर फेरबदल के आसार है। प्रदेश अध्यक्ष व विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष बदले जा सकते हैं। केवल लोकसभा चुनाव के परिणाम का इंतजार किया जा रहा है। इस फेरबदल में विदर्भ से विजय वडेट्‌टीवार की जिम्मेदारी बढ़ सकती है। उन्हें विधानसभा का नेता प्रतिपक्ष बनाया जा सकता है। हालांकि यह भी माना जा रहा है कि वडेट्‌टीवार की राह आसान नहीं है। राजुरा का छात्रा प्रताड़ना प्रकरण उनके लिए बाधा बन सकता  है। ऐसे में सुनील केदार, यशोमति ठाकुर, गोपाल अग्रवाल, वीरेंद्र जगताप जैसे कांग्रेस विधायकों को भी नई जिम्मेदारी मिल सकती है। 10 मई से प्रदेश कांग्रेस सूखे की स्थिति को लेकर आक्रामक होने वाली है।

दावा किया जा रहा है कि उस आंदोलन के दौरान ही कांग्रेस में नेतृत्व बदलाव का सुर अधिक मुखर हो सकता है। कांग्रेस में नेताओं की स्पर्धा अक्सर चर्चा में रहती है।  हालांकि चुनाव के दौरान असंतोष थमा सा नजर आता है। विविध स्थितियों को देखते हुए माना जा रहा है कि जून के पहले सप्ताह में ही प्रदेश कांग्रेस में बड़े निर्णय हो सकते हैं। इसके लिए बकायदा कुछ नेताओं की बैठकें होने लगी है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। लेकिन संगठनात्मक निर्णय लेने के मामले में कई बार असंतुष्ट गुट के नेता दिल्ली जाकर अपनी बात मनवा आते हैं। यहां तक कि चुनाव में उम्मीदवार चयन के मामले में भी पद का महत्व ध्यान में नहीं रखने की स्थिति बन जाती है। इस लोकसभा चुनाव के दौरान चंद्रपुर व रामटेक में उम्मीदवार चयन को लेकर चव्हाण का असंतोष चर्चा में भी रहा है। उधर यह भी सुना जाता रहा है कि चव्हाण को घेरने का प्रयास उनके ही दल के कुछ नेताओं ने किया। यहां तक कि चव्हाण चुनाव के दौरान नांदेड सीट तक सिमट कर रह गए। तमाम स्थिति को देखते हुए कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद चव्हाण को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा सकता है। उनके स्थान पर पूर्व राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात को लाया जा सकता है।

विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे का तो हटना तय है। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस्तीफा सौंप चुके हैं। गांधी ने उनका इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष के पास नहीं भेजा है। विखे पाटील के पुत्र ने भाजपा की टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा है। विखे पाटील पर भी भाजपा से करीबी रखने के आरोप हैं। विधानसभा में कांग्रेस के उपनेता विजय वडेट्‌टीवार, नेता प्रतिपक्ष बनाए जा सकते हैं। पिछले 2 से 3 वर्ष में वडेट्‌टीवार की कांग्रेस आलाकमान से करीबी बढ़ी है। चंद्रपुर व वर्धा जिले में चुनाव के पहले राहुल गांधी की सभाओं को सफल बनाने में वडेट्‌टीवार का योगदान गिनाया जाता है। लेकिन कांग्रेस के विदर्भ के नेताओं के बीच ही देखा जाये तो वडेट्‌टीवार को लेकर सकारात्मक रुख नहीं है। राजुरा प्रताड़ना मामले में वडेट्‌टीवार का बयान विवादों में हैं। सीआईडी जांच चल रही है। महिला आयोग ने भी वडेट्‌टीवार को नोटिस भेजा है। ऐसे में नेता प्रतिपक्ष पद के लिए वडेट्‌टीवार के नाम पर सहमति बनना आसान नहीं है। बालासाहब थोरात को विखे पाटील  व अशोक चव्हाण का विरोधी माना जाता है। 2015 में थोरात ने इन नेताओं का यह कहकर विरोध किया था कि जो लोग भाजपा के करीब है उन्हें कांग्रेस में बड़ी जिम्मेदारी मिली है। थाेरात के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण व विलासराव देशमुख के समर्थक भी साथ देने का दावा किया जा रहा है। 

Created On :   4 May 2019 6:38 PM IST

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