क्रूरता की हदें पार,द हशत का कारोबार फैलाने के लिए मुंह में मिट्टी भरी, पेशाब कर वीडियो बनाया

Crossed the limits of cruelty, filled mud in the mouth to spread the business of panic, made a video by urinating
क्रूरता की हदें पार,द हशत का कारोबार फैलाने के लिए मुंह में मिट्टी भरी, पेशाब कर वीडियो बनाया
सैकड़ों लोग मूकदर्शक बने रहे, पिछले 10 माह में 9 हत्याएं क्रूरता की हदें पार,द हशत का कारोबार फैलाने के लिए मुंह में मिट्टी भरी, पेशाब कर वीडियो बनाया

डिजिटल डेस्क, औरंगाबाद। औरंगाबाद इन दिनों फिर चर्चा में है। गारखेड़ा परिसर की हुसैन कालोनी में हुए विवाद के प्रत्यक्षदर्शी आकाश रूपचंद राजपूत (21, अजिंक्य नगर, गारखेडा परिसर) की बुरी तरह से पीटते हुए चौक में ही पांच लोगों ने फिल्मी स्टाइल में जघन्य हत्या कर दी। पुंडलिक नगर पुलिस एक बार फिर भाग-दौड़ में लगी है। अपराधी भी पहचान लिए गए हैं।  पांच आरोपी, जिनमें हत्या को अंजाम देने वालों की मां भी शामिल है; गिरफ्तार कर लिये गए हैं। पुलिस के  लिए ये हत्या आदि अपराध रुटीन हैं। वैसे भी पिछले 10 माह में 9 निर्मम हत्याएं हो चुकी हैं। लेकिन, क्या जनमानस यह भुला सकेगा कि कैसे अपने दहशत के कारोबार को और फैलाने के लिए  न्यू हनुमान नगर की गली क्र. 2  में अंजाम दिए गए उक्त हत्याकांड में आकाश को पहले रॉड, सरियों से पीटा गया, हड्डियां तोड़ दी गईं। चाकू घोंपे गए और बाद में पत्थरों से कुचलकर जान ले ली गई। यही नहीं, मारपीट के दौरान सहायता के लिए चिल्ला रहे आकाश के मुंह में निर्दयी हमलावरों ने मिट्टी ठूंस दी। और तो और गंभीर रूप से घायल अवस्था में तड़प रहे आकाश के मुंह पर लघुशंका कर उसका वीडियो बनाया गया। घटना के गवाह के रूप में तो सैकड़ों लोग मौजूद थे, लेकिन वे सभी अपराधियों की दहशत के कारण केवल मूकदर्शक की भूमिका में थे। 

ऐसे बनाया हत्या काे हकीकत
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार न्यू हनुमान नगर का मृतक आकाश राजपूत मित्र सागर केशभट के साथ फर्नीचर का काम करता था। दो दिन पूर्व शातिर अपराधी गणेश रविंद्र तनपुरे (19, गली क्र. 2, न्यू हनुमान नगर) का आकाश के मित्र के साथ हुसैन कालोनी में विवाद हुआ था। तब वहां सागर भी उपस्थित था। इस कारण उसके प्रति गणेश के मन में क्रोध व रंजिश थी। रविवार रात सागर आैर आकाश के दिखाई देते ही उसने दोनों को गली में रोका। तनपुरे की परिसर में दहशत होने से उसको देखकर सागर वहां से भाग गया। लेकिन, उसने आकाश को पकड़ लिया। आकाश के शोर मचाते ही वहां गणेश का भाई ऋषिकेश (21), जीजा राहुल युवराज पवार (24 ) आैर संदीप त्रिंबक जाधव (45, मूल नि. आंबेडकर नगर) भी वहां आ गए और आकाश को खींचकर बाजू में स्थित उसके घर की ओर ले गए। वहां ले जाकर उन्होंने उसे रॉड से पीटना शुरू कर दिया। उसके पैरों की हडि्डयाें, दोनों घुटने और सिर फोड़ा। आकाश के जमीन पर गिरते ही गणेश की मां मंगल (40) ने उसे पत्थर मारा तो गणेश और ऋषिकेश ने चाकू घोंपा। खून से लथपथ गिरा आकाश दर्द के मारे नागरिकों से मदद के लिए याचना करने लगा। लेकिन, हमलावरों के उसके मुंह में मिट्टी ठूंस देने से उसकी आवाज ही नहीं निकल रही थी। लगभग दस मिनट यह फिल्मी स्टाइल दहलाने वाला घटनाक्रम जारी रहा, लेकिन सैकड़ों नागरिक केवल मूकदर्शक की भूमिका में बने रहे।

तनपुरे परिवार ने मारा, उनको मत छोड़ो साहब
आकाश की निर्मम पिटाई किए जाने की जानकारी मिलते ही पुंडलिक नगर पुलिस थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक घनशाम सोनवणे, हवलदार बालाराम चौरे, सुखदेव कावरे आैर पुलिस मित्र अक्षय दाभाड़े तत्काल मौके पर पहुुंचे। आकाश को पुलिस वाहन से घाटी अस्पताल पहुंचाया। तब आकाश का भाई प्रवीण और मां मथुराबाई भी साथ थे। घाटी अस्पताल की दिशा में जाते समय आकाश गहरे जख्मों के कारण बुरी तरह से तड़प रहा था। वह गुहार लगा रहा था कि उसको पूरे तनपुरे परिवार ने मारा, साहब उनको छोड़ना मत।

कई नागरिकाें ने घर बिक्री को निकाले
हनुमान नगर में हमलावर तनपुरे परिवार की दहशत है। चोरी, मारपीट, अवैध धंधों में पूरा परिवार आगे है। पड़ोसियों को प्रताड़ित करना, पेट्रोल चोरी, रात बेरात किसी के भी घर में घुसकर जो दिखा, वह उठाना, महिलाओं से अश्लील हरकतें गणेश आैर ऋषिकेश किया करते थे। इस कारण परिसर के नागरिक तनपुरे परिवार से बुरी तरह परेशान थे। परिसर के नागरिक गणेश, ऋषिकेश आैर उनकी मां मंगल की हरकतों से ऊब चुके हैं। इस कारण कई लोग तो उनके अालीशान घर भी बेचने के लिए जुट गए हैं। इनमें एक सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं। 15 से 60 लाख रु तक के ये घर हैं। कई वर्षों से यहां रह रहे नागरिक आर्थिक क्षति भी बर्दाश्त करने को तैयार हैं, लेकिन परिसर छोड़कर दूसरी ओर शांति से रहने जाना चाहते हैं।

 
पुलिस आयुक्त देख रहे हैं, देखेंगे; लेकिन क्या देखते ही रहेंगे?
शहर पुलिस आयुक्त का पदभार संभालते ही पुलिस आयुक्त डॉ. निखिल गुप्ता ने गुंडागर्दी किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करने की भूमिका व्यक्त की थी। लेकिन, अब तो 19 वर्ष के अपराधी भी पुलिस आयुक्त को चुनौती देने लगे हैं। यही नहीं, शहर में विगत 10 माह में नौ लोगों की निर्मम हत्या की गई है। इसमें से कुछ प्रकरणों में अभी तक पुलिस आरोपियों तक नहीं पहुंच सकी है। कोरोना कार्यकाल में भी संगीन हत्याओं के मामले सामने आने से स्पष्ट है कि हत्यारों में कानून का डर है ही नहीं। इसमें से एमआईडीसी वालूज परिसर में तीन तो सिटी चौक पुलिस थाना परिसर में दो दिल दहलाने वाले ढंग से दो लोगों की हत्याओं काे अंजाम दिया गया। सबसे भयंकर था, पाथर्डी से शहर में परीक्षा देने आए विकलांग को केवल 500 रु के लिए निर्मम तरीके से मौत के घाट उतारा जाना। यही नहीं, सिडको पुिलस थाना परिसर में तो प्रेमिका के साथ देखे जाने पर एक को होटल की छत पर ही मार दिया गया था। एमआईडीसी वालूज परिसर में हत्या कर एक शव गली में फेंका, लेकिन अभी तक उसका आरोपी पुलिस की पहुंच से दूर है। विगत 10 माह में हुई 9 हत्याओं से कानून व सुव्यवस्था के साथ-साथ पुलिस के मुखबिर नेटवर्क पर भी प्रश्नचिन्ह लगा है। ऐसी स्थिति में हनुमान नगर में युवक की जिस ढंग से हत्या की गई, उससे रोंगटे खड़े होने स्वाभाविक हैं कि क्या अब अपराधियों को पुलिस का डर नहीं रहने का माहौल बना है। 

Created On :   10 Aug 2021 7:16 AM GMT

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