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सहकारी संस्थाओं पर फौजदारी की कार्रवाई तय
डिजिटल डेस्क, गोंदिया। इस वर्ष जिले में जिला मार्केटिंग फेडरेशन के शासकीय धान खरीदी केंद्रों पर खरीदी के दौरान भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार का आरोप लगने के बाद जांच के दौरान भी यह बात साबित हुई। जिसके बाद अब तक शासकीय धान की खरीदी करने वाली कुछ सहकारी संस्थाओं के संचालकों के खिलाफ पुलिस स्टेशनों में मामले भी दर्ज कराए गए हैं एवं कुछ संस्थाएं जिनके गोदामों में जांच-पड़ताल के दौरान खरीदी किया गया धान नदारद पाया गया है। उन्हें भी 31 अक्टूबर तक संपूर्ण धान जमा करने को कहा गया है।ऐसा न करने पर फौजदारी कार्रवाई का सामना करने के लिए तैयार रहने की चेतावनी भी जिला मार्केटिंग फेडरेशन एवं जिला प्रशासन की ओर से दी गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कुल 7 धान खरीदी केंद्रों पर खरीदा गया धान नदारद पाया गया। जिनमें सालेकसा, गोंदिया, आमगांव एवं गोरेगांव तहसील के केंद्रों का समावेश हंै और इन केंद्रों पर लगभग 30 हजार क्विंटल धान नदारद दिखाई पड़ा। जिसकी कीमत 10 करोड़ रुपए से अधिक हंै। मार्केटिंग फेडरेशन से डिलीवरी ऑर्डर लेकर जब राइस मिलर्स इन केंद्रों पर धान उठाने के लिए गए तो वहां गोदामों में धान ही नहीं था। जिसकी शिकायत उन्होंने जिला मार्केटिंग फेडरेशन से की। फेडरेशन की टीम ने जब प्रत्यक्ष गोदाम में जाकर जांच-पड़ताल की तो वहां खरीदी के रिकार्ड के अनुसार निर्धारित मात्रा में धान नहीं दिखाई पड़ा। जिसके बाद संबंधित संस्थाओं को नोटिस देकर 31 अक्टूबर तक धान जमा करने अथवा ऐसा न करने पर उतनी राशि जमा करने काे कहा गया है और ऐसा नहीं करने पर फौजदारी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है। खरीदी घोटाले में फंसे केंद्र संचालक अब अपने ऊपर संभावित कार्रवाई को टालने के लिए राजनेताओं की शरण में जाकर बचने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन इसमें कहां तक सफलता मिलेगी एवं प्रशासन राजनीतिक दबाव के अंतर्गत कार्रवाई में कोई छूट देगा? यह तो आने वाला समय ही बताएगा। लेकिन एक बात तो तय है कि अब कार्रवाई का जब सिलसिला शुरू हो गया है एवं तीन संस्था संचालकों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज हो गई है तो दूसरे संचालकों को आसानी से छोड़ा जाना संभव नहीं है।
Created On :   28 Oct 2022 6:11 PM IST