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मध्य प्रदेश में गिद्धों की होगी गणना, कर्मचारियों को निर्देश
डिजिटल डेस्क, टीकमगढ़। विलुप्त पक्षियों में शामिल गिद्धों की गणना एक बार फिर 12 जनवरी से टीकमगढ़ जिले में शुरू होगी। अंबेडकर तिराहा स्थित रेंज आफिस में गिद्ध गणना के बारे में अधिकारी-कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए गए। वन संरक्षक चंद्रशेखर सिंह के निर्देश पर वन विभाग के एसडीओ एसपी शाक्य ने रेंज के करीब 40 से ज्यादा कर्मचारियों को गणना के तौर तरीकों के बारे में बताया।
दो साल पहले थे 6900 गिद्ध
गौरतलब है कि 23 जनवरी 2016 को मप्र में पहली बार गिद्धों की गणना की गई थी। तब पूरे प्रदेश में करीब 6900 गिद्ध मिले थे। दो साल पहले साल 2016 में ओरछा सेंचुरी एरिया में हुई गणना में 60 गिद्धों को देखा गया था। जिसमें 1 राज गिद्ध और बाकी देशी गिद्ध मिले थे। दो साल बाद एक बार फिर गिद्धों की गणना होगी। श्री शाक्य ने बताया कि गिद्धों की गणना के बारे में वरिष्ठ कार्यालय से पूरी जानकारी भेजी गई है। जिसके बारे में कर्मचारियों को अवगत कराया गया है। उन्होंने बताया कि 12 जनवरी को पूरे प्रदेश के चिन्हित जिलों में गिद्धों की गणना एक साथ शुरू की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिले में सबसे ज्यादा गिद्ध ओरछा सेंचुरी में मिले थे। इस बार ओरछा के अलावा जिले के अन्य वन परिक्षेत्रों में भी गिद्धों का पता लगाया जाएगा। इस अवसर पर रेंज आफीसर मुकेश केन, डिप्टी रेंजर विक्रम सिंह, संजय शर्मा सहित वन कर्मचारी मौजूद रहे।
इनदिनों मिलते हैं दुलर्भ प्रजाति के गिद्ध
सर्दियों के मौसम में हर साल बर्फीले क्षेत्रों से गिद्ध यहां आते हैं। अंतिम बार जब पर्यटन स्थल ओरछा के अभयारण्य में गिद्धों की गणना हुई थी, तब दुर्लभ प्रजाति यूरेसिन ग्रिफेन का भी पता चला था। गिद्ध की यह प्रजाति पहली बार चिन्हित हुई थी। ठंड के दिनों में हिमालय की बर्फ वारी से बचने के लिए यह प्रवासी पक्षी के रूप में ओरछा सेंचुरी में आते हैं, लेकिन यहां इनका स्थाई ठिकाना नहीं है। वहीं जब पहली बार ओरछा में गिद्धों की गणना हुई थी तो 4 प्रजातियों के कुल 125 गिद्ध और उनके घोसलों का पता चला था।
Created On :   31 Dec 2018 1:45 PM IST