अधिसूचना के साथ अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए शुरू हुई उलटी गिनती

Countdown begins for illegally appointed non-teaching staff with notification in WBSSC scam
अधिसूचना के साथ अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए शुरू हुई उलटी गिनती
डब्ल्यूबीएसएससी घोटाला अधिसूचना के साथ अवैध रूप से नियुक्त गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए शुरू हुई उलटी गिनती

डिजिटल डेस्क, कोलकाता। राज्य के शिक्षा विभाग की ओर से सोमवार को जारी एक ताजा अधिसूचना से विभिन्न सरकारी स्कूलों में नियुक्त 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है।

राज्य के स्कूल शिक्षा आयुक्त के कार्यालय से जारी नई अधिसूचना के माध्यम से स्कूलों से संबंधित जिला निरीक्षकों को अपने-अपने जिलों में संबंधित गैर-शिक्षण कर्मचारियों को कलकत्ता उच्च न्यायालय की समय सीमा के बारे में सूचित करने के लिए कहा गया है, ताकि वे अपनी बेगुनाही साबित कर सकें।

22 दिसंबर को कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस विश्वजीत बसु की सिंगल जज बेंच ने 1,698 नॉन टीचिंग स्टाफ को इस मामले में अपनी बेगुनाही साबित करने का आखिरी मौका देते हुए कहा कि मामले की फिर से सुनवाई 24 जनवरी को की जाएगी।

सोमवार को जारी अधिसूचना में जिला विद्यालय निरीक्षकों को आदेश प्राप्त होने की तिथि से तीन कार्य दिवस के भीतर जिले के संबंधित गैर शिक्षक कर्मचारियों को न्यायमूर्ति बसु के आदेश की प्रति उपलब्ध कराने को कहा गया है।

अधिसूचना में कहा गया है, इसके बाद अगले पांच कार्य दिवसों में एक अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत की जा सकती है।

राज्य शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम बताने से इनकार करते हुए कहा कि इसका मतलब यह है कि 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए घड़ी की टिक टिक शुरू हो गई है, जिन्हें सीबीआई और डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा अवैध रूप से नौकरी हासिल करने के लिए या तो अपनी बेगुनाही साबित करने या सेवाओं की समाप्ति का सामना करने के लिए तैयार होने के लिए पाया गया है।

22 दिसंबर को इन 1,698 गैर-शिक्षण कर्मचारियों को आखिरी मौका देने के बावजूद न्यायमूर्ति बसु ने भारी संख्या में अवैध भर्तियों के संबंध में कड़ी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, इस तरह की भर्ती से पहले ही छात्रों को बहुत नुकसान हुआ है। इसे अब और बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। जिन लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया गया है, उन्हें अब अपनी सेवाओं को जारी रखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्हें स्कूलों में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

(आईएएनएस)

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Created On :   26 Dec 2022 4:00 PM IST

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