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Coronavirus Updates: कार से मुंबई पहुंचा विदर्भ के मंत्रियों का काफिला
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डिजिटल डेस्क,नागपुर । कोरोना संकट को लेकर आवागमन थम गया है। लिहाजा कोरोना इफेक्ट विविध क्षेत्रों में पड़ रहा है। इस कड़ी में रोचक खबर यह भी है कि राज्य सरकार में शामिल विदर्भ के मंत्री गुुरुवार को सड़क मार्ग से मुंबई रवाना हुए। मंत्रियों का काफिला इस तरह कम ही देखा जाता रहा है। खास बात यह भी है कि इनमें ऐसे भी कुछ मंत्री है जो राजनीतिक गुटबाजी के चलते साथ साथ सफर करने को टालते रहते हैं। लेकिन संकट के इस दौर में सब साथ है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के चुनाव को लेकर तकनीकी अड़चन बढ़ने लगी थी। नवंबर 2019 में जब वे मुख्यमंत्री बने तब विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार मुख्यमंत्री चुने गए नेता को विधानसभा या विधानपरिषद का सदस्य होना अनिवार्य है। इसके लिए 6 माह का समय दिया जाता है। राज्य में विधानपरिषद के चुनाव की तैयारी चल रही थी। इनमें स्थानीय निकाय संस्था के अलावा स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के सदस्य का चुनाव शामिल है। लेकिन कोरोना संकट को देखते हुए यह चुनाव टाल दिये गए हैं। मुख्यमंत्री को विधानपरिषद का सदस्य बनाने के लिए गुरुवार को मंत्रिमंडल की विशेष बैठक ली गई। उसी बैठक के बाद राज्यपाल को मंत्रिमंडल ने विधानपरिषद की एक सीट के लिए मुख्यमंत्री को नामित करने की सिफारिश की। लिहाजा इस महत्वपूर्ण बैठक के लिए मंत्रियों को तत्काल मुंबई बुलाया गया। गरु विमान से सफर करनेवालेे मंत्रियों को इस बार कार से मुंबई जाना पड़ा।
ऊर्जामंत्री डॉ.नितीन राऊत, पशु संवर्धन व युवा खेल मामलों के मंत्री सुनील केदार, चंद्रपुर के पालकमंत्री विजय वडेट्टीवार, विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले नागपुर में एकत्र हुए। फिर उनका काफिला मुंबई के लिए रवाना हुआ। उधर महिला व बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर भी काफिले में शामिल हुई। गृहमंत्री अनिल देशमुख पहले से ही मुंबई में हैं। मंत्री डॉ.नितीन राऊत ने कहा है कि मंत्रिमंडल की बैठक के अलावा भी कई विषय हैं जिनको लेकर विदर्भ के मंत्रियों को तत्काल मुंबई पहुंचना था। वीडियाे कांफरेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री व मंत्रियों की चर्चा होती रहती है लेकिन प्रत्यक्ष बैठक करके विविध विषयों पर विस्तार से चर्चा की जा सकती है।
हस्ताक्षर करना था जरुरी
राजनीतिक मामलों के जानकार के अनुसार मंत्रियों का तत्काल मुंबई पहुंचना अड़चन भरा था लेकिन हस्ताक्षर के लिए उनका पहुंचना जरुर था। दरअसल मंत्रियों की बैठक या चर्चा वीडियो कांफरेंसिंग से भी हो सकती थी लेकिन उद्धव ठाकरे को विधानपरिषद सदस्य नियुक्त करने संबंधी मंत्रिमंडल की राज्यपाल से सिफारिश के संबंध में पत्र पर मंत्रियों के हस्ताक्षर जरुरी थे।
Created On :   9 April 2020 8:43 PM IST