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कोरोना गया नहीं, इसलिए मास्क जरूरी
डिजिटल डेस्क, नागपुर। अनेेक देशों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। इस कारण सभी राज्यों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई नियमावली जारी की गई है। नागपुर में इन दिनों शीत सत्र जारी है। सरकार व प्रशासनिक अमला यहीं पर है। कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण ने प्रतिबंधात्मक उपाय के लिए परिपत्रक जारी की है। इस परिपत्रक में मास्क अनिवार्य किया गया है।
बंधनकारी : रविवार को जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण ने परिपत्रक जारी किया है। इसमें कोरोना से सुरक्षा के लिए प्रतिबंधात्मक उपाय के रूप में मास्क पहनना अनिवार्य किया है। इसमें सभी सरकारी, अर्धसरकारी व सभी आस्थापनाओं के कर्मचारियों व अधिकारियों को मास्क पहनना बंधनकारक किया गया है। वैसे ही इन कार्यालयों में प्रवेश करने वाले हरेक काे मास्क लगाना अनिवार्य बताया गया है। जिलाधिकारी डॉ. विपिन इटनकर द्वारा जारी परिपत्रक सभी विभागों के अधिकारियों को भेज दिया गया है।
विभाग प्रमुख होंगे जिम्मेदार : कर्मचारी मास्क पहने हुए हैं या नहीं, यह विभाग प्रमुख को सुनिश्चित करना है। कर्मचारी मास्क पहनने से इनकार करें तो विभाग प्रमुख उस पर कार्रवाई कर सकते हैं। जिलाधीश डॉ. इटनकर कोरोना प्रतिबंधित उपायों पर अमल के लिए विविध विभागों के प्रमुुखों से नियमित रूप से संपर्क में हैं। सर्दी, खांसी व बुखार होने पर कोरोना जांच करने का आह्वान किया गया है। क्रिसमस व नव वर्ष का उत्साह मनाने के दौरान कोविड नियमों का पालन करने की अपील की गई है।
व्यवस्था इस तरह : सरकार के दिशा-निर्देशानुसार नागपुर महानगर पालिका की तरफ से विमानतल पर कोरोना जांच शुरू कर दी गई है। शहर में प्रवेश करने वाले यात्रियों की ट्रैवल हिस्ट्री के आधार पर जांच जारी है। शहर में दोहा व शारजाह से हर हफ्ते छह फ्लाइट आती हैं। इन यात्रियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। इनमें से दो फीसदी की आरटीपीसीआर जांच की जाएगी। सैंपल के नमूने मेडिकल, मेयो व एम्स में भेजे जा रहे हैं। मनपा द्वारा 39 केंद्रों पर कोरोना जांच की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इसके साथ ही वैक्सीनेशन भी किया जा रहा है। मनपा के इंदिरा गांधी अस्पताल, पांचपावली अस्पताल, केटी नगर स्वास्थ्य केंद्र, आइसोलेशन हॉस्पिटल, आयुष अस्पताल आदि में जांच की व्यवस्था, बेड्स व आॅक्सीजन की व्यवस्था करने की सूचना आयुक्त राधाकृष्णन बी. ने दी है। मेडिकल व मेयो में भी पर्याप्त ऑक्सीजन व बेड्स की व्यवस्था करने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
फोन पर भी हो सकती है घरेलू हिंसा : हाई कोर्ट
डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने अपने हालिया फैसले में माना है कि घरेलू हिंसा फोन पर भी हो सकती है। आरोपी और पीड़िता एक साथ रह रहे हों, यह जरूरी नहीं है। इस निरीक्षण के साथ हाई कोर्ट ने नागपुर की इंदिरा नगर निवासी एक युवती के ससुराल वालों पर दर्ज एफआईआर खारिज करने से इनकार कर दिया। हाई कोर्ट ने ससुराल वालों की याचिका खारिज करते हुए उन पर न्यायिक व्यवस्था के दुरुपयोग के लिए 10 हजार रुपए की कॉस्ट भी लगाई है।
दलील अस्वीकार : दरअसल, इस 30 वर्षीय युवती ने शहर के हुडकेश्वर पुलिस थाने में ससुराल वालों के खिलाफ घरेलू हिंसा की शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत में उन सदस्यों का भी नाम था जो पंजाब, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में रहते थे। ऐसे में उन्होंने एफआईआर खारिज करने के लिए हाई कोर्ट की शरण ली। हाई कोर्ट में दलील दी कि वे पीड़िता के साथ निवास नहीं कर रहे थे, ऐसे में उन पर घरेलू हिंसा का कोई मामला नहीं बनता। लेकिन इस दलील को अस्वीकार करते हुए हाई कोर्ट ने माना कि जरूरी नहीं है कि एक साथ रहने पर ही घरेलू हिंसा हो सकती है। आज-कल संवाद के नए तरीके उपलब्ध हैं। फोन पर भी किसी महिला को मानसिक प्रताड़ना दी जा सकती है। हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी माना कि किसी विशेष उद्देश्य से महिला को शाब्दिक प्रताड़ना देना या ताने मारना भी घरेलू हिंसा होता है। इस मामले में कई ऐसे तथ्य हैं, जिससे याचिकाकर्ताओं का दोष प्रथम दृष्टया सिद्ध हो सकता है। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने यह फैसला दिया है।
Created On :   26 Dec 2022 10:51 AM IST