नए सांसद भवन के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, 2.1 के बहुमत से फैसला

नए सांसद भवन के निर्माण को सुप्रीम कोर्ट से मिली हरी झंडी, 2.1 के बहुमत से फैसला

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। संसद भवन की नई इमारत के निर्माण के लिए सुप्रीम कोर्ट से हरी झंडी मिल गई है। तीन जजों की बेंच ने 2:1 के बहुमत से फैसला देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट पर मुहर लगा दी है। हालांकि तीन जजों की ओर से कहा गया है कि निर्माण से पहले हेरिटेज कमिटी की भी मंजूरी लेना होगी। इसके साथ ही जमीन का DDA की तरफ से लैंड यूज बदलना सही है। साथ ही पर्यावरण क्लियरेंस मिलने की प्रक्रिया भी सही है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए प्रदूषण रोकने के लिए स्मॉग टावर लगाना होगा।

 

 

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी ने बहुमत में फैसला सुनाया है। वहीं, अल्पमत के फैसले में जस्टिस संजीव खन्ना ने लैंड यूज बदलने की प्रक्रिया को कानूनन गलत बताया है। लेकिन 2:1 के बहुमत से आया प्रोजेक्ट को मंजूरी देने वाला फैसला ही मान्य होगा। यानी नई संसद और सरकारी इमारतों का निर्माण हेरिटेज कमिटी की मंजूरी लेने के बाद हो सकेगा। 

बता दें कि पिछले महीन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया था। नए संसद भवन में लोकसभा का आकार मौजूदा से तीन गुना ज्यादा होगा। राज्यसभा का भी आकार बढ़ेगा। कुल 64,500 वर्गमीटर क्षेत्र में नए संसद भवन का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड की ओर से कराया जाएगा। नए संसद भवन का डिजाइन एचसीपी डिजाइन प्लानिंग एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने तैयार किया है। 

 

 

 

Created On :   5 Jan 2021 7:28 AM GMT

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