हर्रई में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए आपस में भिड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता ,पांढुर्ना में दिखी एकजुटता, दमुआ में भाजपा ने दर्ज की जीत

हर्रई में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए आपस में भिड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता ,पांढुर्ना में दिखी एकजुटता, दमुआ में भाजपा ने दर्ज की जीत
छिंदवाड़ा हर्रई में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष पद के लिए आपस में भिड़े कांग्रेसी कार्यकर्ता ,पांढुर्ना में दिखी एकजुटता, दमुआ में भाजपा ने दर्ज की जीत

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा/पांढुर्ना/दमुआ।  नगरपरिषद हर्रई में 15 में से 13 वार्ड जीतने वाली कांग्रेस बुधवार को अध्यक्ष-उपाध्यक्ष के चुनाव में अपनों को ही नहीं संभाल पाई। अध्यक्ष बनने का सपना संजोए बैठे पार्षदों ने खुले तौर पर बगावत कर दी। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष और कांग्रेस के जिला कार्यवाहक अध्यक्ष सीताराम डेहरिया के पुत्र संजय डेहरिया ने कांग्रेस की अध्यक्ष पद की अधिकृत प्रत्याशी संगीता डेहरिया के खिलाफ चुनाव लड़ लिया। वहीं अध्यक्ष पद के लिए पूर्व से दावा कर रहे पार्षद महेंद्र राठौरिया ने उपाध्यक्ष का चुनाव लड़ लिया। दोनों 1 निर्दलीय और १ भाजपा पार्षद के समर्थन से 6-6 वोट ही ले पाए। जबकि संगीता डेहरिया ने 9 वोट हासिल कर अध्यक्ष पद हासिल किया। वहीं कांग्रेस से उपाध्यक्ष पद के लिए अधिकृत किए गए प्रत्याशी अभिषेक मोनू साहू ने भी 9 वोट लेकर जीत दर्ज कराई।

बताया जा रहा है कि हर्रई में बगावत में सिर्फ कांग्रेस के बागी पार्षद ही नहीं बल्कि संगठन में बड़ी जिम्मेदारी संभाल रहे पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सीताराम डेहरिया भी सक्रिय भूमिका में नजर आए। पद की लालसा और गुटबाजी के चलते हर्रई में कांग्रेस के भीतर के अनुशासन की खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई गई। बताया जाता है कि यहां विधायक कमलेश शाह और सीताराम डेहरिया के बीच में खेमे बंटे हुए हैं। दोनों खेमों के बीच कांग्रेस समन्वय नहीं बना पाई। नतीजा बुधवार को बगावत के तौर पर सामने आया।

 पांढुर्ना में एकजुट रही कांग्रेस, संदीप घाटोड़े अध्यक्ष, ताहिर पटेल उपाध्यक्ष चुने गए

नगर पालिका पांढुर्ना में 30 में से 17 वार्ड जीतकर बहुमत पाने वाली कांग्रेस एकजुट नजर आई। यहां कांग्रेस के संदीप घाटोड़े अध्यक्ष और ताहिर पटेल उपाध्यक्ष चुने गए। दोनों को कांग्रेस के सभी 17 पार्षदों ने वोट किया। यानी कांग्रेस अपने हिस्से के शत प्रतिशत वोट हासिल करने में सफल रही। भाजपा के समर्थन से निर्दलीय पार्षद यादोराव डोबले ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ा, उन्हें १३ वोट से संतोष करना पड़ा। उपाध्यक्ष पद के लिए भाजपा के महेंद्र घोड़े को 13 वोट मिले। अपीलीय समिति के लिए कांग्रेस की ओर से मदन भांगे और भाजपा की ओर से नलिनी केवटे निर्विरोध निर्वाचित हुए। कांग्रेस की पैनल विजय होते ही तीनशेर चौक के टपरिया दादा दरबार पहुंची। यहां नवनिर्वाचित अध्यक्ष संदीप घाटोड़े सहित सभी पार्षदों ने दरबार में पूजन किया। यहां से ही शहर में विजय रैली निकालकर मतदाताओं का आभार जताया गया।

दमुआ में भाजपा सफल रही,अध्यक्ष-उपाध्यक्ष दोनों पदों पर जीत दर्ज कराई

आखिरकार भाजपा ने दमुआ नपा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष जिताने में सफलता पा ली। कुल 15 में से भाजपा के 9 पार्षद जीते थे। एक निर्दलीय का समर्थन पाकर भाजपा संख्या बल में 10 तक पहुंच गई थी। 8 पार्षद जिता पाने वाली कांग्रेस यहां भाजपा में सेंध मारने की कोशिश में थी। भाजपा के भीतर की गुटबाजी और दावेदारों के बीच किसी एक नाम पर सहमति न बन पाने की स्थिति में यह माना जा रहा था कि कांग्रेस फायदा उठा सकती है, लेकिन बुधवार को हुए अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के चुनाव में भाजपा ने कोई मौका नहीं दिया। भाजपा की ओर से अध्यक्ष उम्मीदवार किरण खातरकर 10 वोट तो उपाध्यक्ष बबुआ कश्यप एक वोट निरस्त होने की स्थिति में 9 वोट लेकर विजयी हुए। कांग्रेस की ओर से अध्यक्ष पद की उम्मीदवार आशा गुलबांके और उपाध्यक्ष पद के प्रत्याशी दर्शन नीटू गांधी को 8-8 वोट मिले।  हालांकि निर्वाचन के ठीक बाद भाजपा के करीब 5 प्रमुख पार्षदों के विजयी जुलूस में शामिल न होने से उनकी नाराजगी के कयास लगाए जा रहे हैं।

Created On :   20 Oct 2022 7:35 PM IST

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