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उद्धव के सीएए समर्थन से कांग्रेस-राकांपा असहज, निरुपम ने कहा- भाजपा का एजेंडा चला रही शिवसेना
डिजिटल डेस्क, मुंबई। नागरिक संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NPR) को लेकर महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी सरकार में मतभेद सामने आए हैं। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद कहा था कि CAA से घबराने की जरुरत नहीं है। इससे सरकार में शामिल कांग्रेस नाराज हो गई है। पर ठाकरे सरकार के दोनों पार्टनर कांग्रेस-राकांपा इस मुद्दे को ज्य़ादा तूल नहीं देना चाहते।
दूसरी तरफ पार्टी में हासिए पर चल रहे पूर्व कांग्रेस सांसद संजय निरुपम ने कहा है कि महा विकास आघाड़ी सरकार के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे शिवसेना-भाजपा का एजेंडा चला रहे हैं। इससे कांग्रेस को नुकसान होगा। महा विकास आघाड़ी सरकार का नेतृत्व कर रही शिवसेना CAA और NPR के समर्थन में है जबकि सहयोगी दल कांग्रेस-राकांपा इसका विरोध कर रहे हैं। अब मुख्यमंत्री ठाकरे द्वारा CAA-NPR का समर्थन करने से कांग्रेस-राकांपा के लिए असहज स्थिति पैदा हो गई है।
कांग्रेस CAA के खिलाफः सावंत
इस बारे में प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि CAA को लेकर कांग्रेस की स्पष्ट भूमिका रही है। यह कानून देश के संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। जबकि NPR की बाबत हम अपनी भूमिका इसके लिए भरे जाने वाले फार्म का अवलोकन करने के बाद तय करेंगे। मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष संजय निरुपम का कहना है की जब महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस राकांपा गठबंधन की सरकार है तो सवाल उठता है की क्या कांग्रेस राकांपा के शीर्ष नेताओं से चर्चा कर उद्धव ठाकरे ने CAA को लेकर यह भूमिका अपनाई है। निरुपम का कहना है की ऐसे में कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम की स्थिति बन रही है। कांग्रेस पूरे देश में CAA का विरोध कर रही है तो महाराष्ट्र में वह कैसे इसका समर्थन कर सकती है।
केंद्र के पास है CAA लागू करने का अधिकारः मलिक
राकांपा प्रवक्ता व राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री नवाब मलिक ने मुख्यमंत्री उद्धव का बचाव करते हुए कहा कि देश की मीडिया उद्धव जी के बयान को समझ नहीं पा रही है। मलिक ने कहा कि CAA को लागू करने की जिम्मेदारी राज्य नहीं केंद्र सरकार की है। नागरिकता देने का अधिकार केंद्र को है। इस पर राज्य सरकार आपत्ति नहीं जता सकती। NPR की बाबत मलिक ने कहा कि जनगणना हर दस साल पर अनिवार्य होता है। उसके फार्म को हम देखेंगे और इस बात का इंतजार करेंगे कि देश की और गैर भाजपा सरकारे क्या करती हैं। कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हम भले ही साथ में सरकार चला रहे हैं लेकिन हमारी विचारधारा का अंतर गाहे-बगाहे दिखाई देता रहेगा। उन्होंने कहा कि वैसे भी CAA को लेकर राज्य सरकार की कोई भूमिका है नहीं। यह केंद्र का कानून है और राज्य सरकारे चाह कर भी इसे नहीं रोक सकती है। इस लिए CAA पर मतभेद का असर महा विकास आघाड़ी सरकार पर नहीं पड़ने वाला है।
उद्धव से मिले शरद-अजित पवार
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के दिल्ली दौरे से लौटने के बाद शनिवार की दोपहर राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उप मुख्यमंत्री अजित पवार ने मुख्यमंत्री आवास वर्षा पर उद्धव से मुलाकात की। बताया गया कि 24 फरवरी से शुरु हो रहे बजट सत्र की बाबत इन नेताओं के बीच चर्चा हुई है।
Created On :   23 Feb 2020 12:46 AM IST