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सतीश चतुर्वेदी के घर पहुंचे कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे
डिजिटल डेस्क, नागपुर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे पूर्व मंत्री सतीश चतुर्वेदी के सिविल लाइंस स्थित आवास पर पहुंचे। बता दें कि चतुर्वेदी फिलहाल कांग्रेस से निष्कासित हैं। कहा जा रहा है कि शिंदे ने विदर्भ में कांग्रेस की स्थिति पर कुछ नेताओं से बात की। पार्टी में असंतोष को लेकर विविध पहलुओं पर चर्चा की गई। हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि शिंदे की यह मुलाकात केवल औपचारिक थी। चर्चा में अखिल भारतीय कांग्रेस के एससी सेल के अध्यक्ष नितीन राऊत, पूर्व मंत्री अनीस अहमद, चंद्रपुर के पूर्व सांसद नरेश पुगलिया, पूर्व विधायक अशोक धवड़ व मनपा में नेता प्रतिपक्ष तानाजी वनवे शामिल थे। सोशल मीडिया पर इस भेंट कार्यक्रम के बारे में बताया गया है कि शिंदे ने विदर्भ के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ मिलकर वर्तमान राजनीतिक स्थितियों पर चर्चा की।
अंसतुष्ट साथ नजर आए
शिंदे से मिले सभी नेता पहले ही विदर्भ कांग्रेस की स्थापना की मांग कर चुके हैं। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी मोहन प्रकाश व प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण के विरोध में कांग्रेस आलाकमान को शिकायत कर चुके हैं। शह और मात के प्रयासों के बीच चतुर्वेदी को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया है। इस बीच चतुर्वेदी के सहयोगी नितीन राऊत को कांग्रेस एससी सेल का अध्यक्ष तो बनाया गया, लेकिन उन्हें भी राज्य के संगठनात्मक मामले में स्थान नहीं मिला है। चतुर्वेदी के निष्कासन के बाद स्थानीय स्तर पर कांग्रेस की गुटबाजी थोड़ी शांत नजर आने लगी है। रविवार को कांग्रेस के असंतुष्ट नेता चतुर्वेदी के साथ नजर आए। सुबह ही टपरी चाय कार्यक्रम में विधायक सुनील केदार समेत अन्य नेता शामिल हुए थे। एक कार्यक्रम के सिलसिले में यहां आए शिंदे दोपहर में चतुर्वेदी के आवास पर पहुंचे थे। शिंदे राज्य में मुख्यमंत्री भी रहे हैं। उनके नेतृत्व की सरकार में चतुर्वेदी, राऊत व अहमद मंत्री थे।
कांग्रेस में सुधार नहीं
कुछ दिनों पूर्व ही राऊत ने कांग्रेस अध्यक्ष को पत्र लिख कर विदर्भ में असंतुष्ट नेताओं को पार्टी से जोड़ने का निवेदन किया है। शिंदे के साथ उस विषय पर भी चर्चा होने की खबर है। असंतुष्ट नेताओं का कहना है कि राज्य में कांग्रेस की स्थिति में सुधार का प्रयास ही नहीं हो रहा है। विधान परिषद के चुनावों में विदर्भ में कांग्रेस को नुकसान हुआ। अमरावती क्षेत्र में कांग्रेस को केवल 17 मत मिले। चंद्रपुर-वर्धा क्षेत्र के उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की स्थिति तो ठीक रही, लेकिन उन्हें मिले मत के मामले में शिवसेना व पूर्व सांसद पुगलिया के समर्थन को भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। गोंदिया-भंडारा में नाना पटोले के दावे को ठुकराते हुए कांग्रेस ने राकांपा को चुनाव लड़ने दिया। वहां भी कांग्रेस की भूमिका को लेकर चर्चा की गई।
Created On :   4 Jun 2018 1:44 PM IST