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जबलपुर में कांग्रेस प्रत्याशी जगतबहादुर सिंह ने दर्ज की जीत
डिजिटल डेस्क,भोपाल। जबलपुर नगर निगम में आए नतीजों ने साफ कर दिया है कि यहां पर कांग्रेस ने अभेद किले को भेदने का काम किया है। कांग्रेस प्रत्याशी जगतबहादुर सिंह ने बीजेपी के डॉ. जितेंन्द्र जामदार को बड़े अंतर से पराजित किया है।बीजेपी को अभेद किले को भेदकर कांग्रेस ने इतिहास रच दिया है। कांग्रेस ने जबलपुर में 44 हजार से ज्यादा मतों से जीत हासिल की है। कांग्रेस उम्मीदवार जगत बहादुर सिंह अन्नू को 293192 वोट मिले हैं। जबकि बीजेपी उम्मीदवार डॉक्टर जितेंद्र जामदार को 248853 मत मिले हैं।
यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी ने शुरुआती राउंड में ही बढ़त बना ली थी और अंतिम परिणाम में उन्हें विजयी घोषित किया गया। बता दें जबलपुर महापौर पद के लिए चल रहे महासंग्राम में छठवे राउंड के नतीजों के बाद से ही कांग्रेस प्रत्याशी जगतबहादुर सिंह अन्नू ने 24750 वोटों से बढ़त हासिल कर इतिहास बनाने की ओर अपने कदम बढ़ाए लिये थे। छठवे राउंड के बाद कांग्रेस उम्मीदवार अन्नू को कुल 1,24,985 वोट मिले हैं। वही बीजेपी उम्मीदवार जामदार को 1,00,229 वोट ही प्राप्त हुए है।
जबलपुर नगर निगम की बात करें तो यहां पर बीजेपी के डॉ. जितेन्द्र जामदार के सामने कांग्रेस ने जगत बहादुर सिंह अन्नू को मैदान में उतारा है। इस बार कयास लगाए जा रहे थे कि जबलपुर में महापौर पद के लिए बीजेपी और कांग्रेस की बीच ही टक्कर देखने को मिलेगी। हुआ भी यही लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार ने बड़े अंतर से जीत दर्ज किया है। जिसका शायद बीजेपी को भी अनुमान नहीं था।
बीजेपी ने यहां पर महापौर पद के लिए पार्टी के अंदर मचे गतिरोध को समाप्त करने के लिए डॉ.जितेन्द्र जामदार को उतारा है। सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने संघ के कहने पर ही डॉ.जामदार को टिकट दिया है क्योकि डॉ.जामदार काफी समय से संघ से जुड़े हुए है। बीजेपी नेता दावा कर रहे थे कि यहां पर उनकी पार्टी रिकार्ड मतों से जीत हासिल करेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं।
सालों से भाजपा का अजेय गढ़ रहा जबलपुर नगर निगम को भेदने के लिए कांग्रेस ने इस बार जगतबहादुर सिंह अन्नू को महापौर पद का टिकट देकर बड़ा दांव खेला था। जगतबहादुर सिंह को जमीनी कार्यकर्ता के रूम में देखा जाता रहा है। उनकी पार्टी में यहां अच्छी पकड़ है। बता दें जबलपुर शहर की 4 विधानसभा सीटों में से 3 पर कांग्रेस का कब्जा है। सिर्फ कैंट सीट पर अशोक रोहाणी बीजेपी के इकलौते विधायक हैं। इस हिसाब से कांग्रेस ने यहां पर इतिहास बनाने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। यहीं कारण है कि वह जीत का दावा ठोक रही थी और कांग्रेस की प्रत्याशी चयन की रणनीति के तहत जगतबहादुर सिंह अन्नू को उम्मीदवार बनाने का फैसला बिल्कुल सही रहा और भारी मतों से कांग्रेस जीतने में सफल रही।
Created On :   17 July 2022 7:26 PM IST