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बारिश से बिगड़े हालात, तालाब में तब्दील हुए खेत, फसलें चौपट
डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। पिछले सात दिनों से गड़चिरोली के चहुंओर जारी मूसलाधार बारिश के कारण किसानों के खेत तालाब में तब्दील हो गये हैं। एक सप्ताह पूर्व रोपाई कार्य के लिए बारिश का इंतजार कर रहें किसानों को अतिवृष्टि ने आफत में डाल दिया है। किसानों की धान की फसल वर्तमान में पूरी तरह चौपट हो गयी है। अितवृष्टि थमते ही किसानों को दोबारा बुआई की नौबत भी आन पड़ी है। जिला मुख्यालय से सटी पाल और कठानी नदी पूरी तरह उफान पर होने से दोनों नदियों का बैक वॉटर खेतों में घुसने लगा है। जिससे धान के पौधे पूरी तरह बह जाने की जानकारी होकर लगातार हो रहे नुकसान के कारण किसान संकट में दिखायी दे रहे हैं।
बता दें कि, धान उत्पादक गड़चिरोली जिले में बारिश के दिनों में खरीफ सत्र के दौरान धान की फसल उगायी जाती है। इस वर्ष बारिश काफी देर से शुरू हुई। जिसके कारण किसानों ने अच्छी बारिश का इंतजार कर बुआई का कार्य पूर्ण किया। आमतौर पर बुआई के बाद करीब 20 से 25 दिनों बाद रोपाई का कार्य शुरू किया जाता है। लेकिन इस वर्ष शुरुआती दिनों मंे अल्प वर्षा के कारण किसानों को धान के पौधों पर खाद छिड़कना पड़ा। बावजूद इसके पर्याप्त बारिश न होने से किसान मूसलाधार बारिश के इंतजार में थे लेकिन रविवार से गड़चिरोली जिले में रेड अलर्ट जारी हुआ और मूसलाधार बारिश कम समय में ही अतिवृष्टि में तब्दील हो गयी। देखते ही देखते सभी नदी और नाले उफान पर पहुंच गये।
जिला मुख्यालय से सटी सभी नदियां और नाले भी नियंत्रण रेखा के बाहर हो गये। नदियां लबालब होने से नालों में पानी का बहाव तेज हो गया। जिसके कारण खेतों में जलजमाव की स्थिति निर्माण हो गयी। जिले के अधिकांश किसानों ने अब तक रोपाई का कार्य आरंभ नहीं किया था। खेतों में धान के पौधे जस के तस थे लेकिन समूचे खेत अब तालाब में तब्दिल हो जाने से किसानों को नुकसान का मंजर एक बार फिर देखना पड़ रहा है। शुक्रवार की सुबह से बारिश पूरी तरह शांत हो गयी है लेकिन विभिन्न डैम से नदियों मंे पानी छोड़ने की प्रक्रिया शुरू होने से अब भी नदियों का जलस्तर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। नदियों का बैक वॉटर लगातार खेतों में जमा होने लगा है। जिससे किसानों की फसलें पूरी तरह चौपट हाे गयी है।
Created On :   16 July 2022 6:02 PM IST