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सिंधिया के कर्जमाफी वाले बयान को CM का समर्थन, कहा- कर्जमाफी का वादा पूरा करेंगे
डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के किसानों के कर्जमाफी वाले बयान का समर्थन किया है। सिंधिया ने गुरुवार को भिंड में एक रैली के दौरान कहा था कि हमारी सरकार ने किसानों को 2 लाख रुपए तक का कर्ज माफी का वादा किया था लेकिन सरकार ने केवल 50 हजार रुपए माफ किए हैं। शनिवार को मीडिया के बात करते हुए सीएम कमलनाथ स्वीकारा कि सिंधिया सही हैं। उन्होंने कहा कि किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होगा।
2 लाख तक कर्ज माफ होगा : कमलनाथ
सीएम कमलनाथ ने कहा कि, हमने पहली किश्त में 50 हजार रुपए का कर्ज माफ कर दिया है। आगे हम दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करेंगे। मैं सहमत हूं कि हमारी सरकार ने 2 लाख रुपए कर्ज माफी का वादा किया था। मेरा मानना है कि जनता अपने नेता पर भरोसा करती है।
MP CM on Jyotiraditya Scindia"s remark,"loans of only Rs 50,000 have been waived off": He is right.We had said we"ll waive off Rs 50,000 in first installment. Next we will waive off upto Rs 2 lakh. I agree that it was a promise of Rs 2 lakh. I believe public trusts their leader. pic.twitter.com/PfKVCXVrPo
— ANI (@ANI) October 12, 2019
क्या कहा था सिंधिया ने
गुरुवार को भिंड दौरे पर पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि हमारी सरकार ने किसानो के कर्ज पूरी तरह से माफ नहीं किया है। केवल 50 हजार रुपए का कर्ज माफ हुआ है, जबकि हमने दो लाख रुपए तक का कर्ज माफ करने का वादा किया था। दो लाख रुपए तक के कर्ज माफ होने चाहिए।
Jyotiraditya Scindia, Congress, in Bhind, MP: The farm loan waiver of farmers has not been done in totality. Loan of only Rs 50,000 has been waived off even when we had said that loan upto Rs 2 Lakh will be waived off. Farm loan upto Rs 2 Lakh should be waived off. (10.10.2019) pic.twitter.com/6zMW5AyDBu
— ANI (@ANI) October 11, 2019
कर्ज माफी पर उठते सवाल
दरअसल कर्ज माफी को लेकर कमलनाथ सरकार अपने ही नेताओं के बयान फंस जाती है। सिंधिया से पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने भी कर्ज माफी को लेकर सरकार को घेरा था। उन्होंने कहा था कि सरकार ने किसानों से किया कर्जमाफी का वादा पूरा नहीं किया है। यहां तक कि उन्होंने कहा था,"राहुल गांधी को इसके लिए किसानों से माफी मांगनी चाहिए और हकीकत बताना चाहिए।"
गायों को लेकर भी राजनीति गरमाई
किसानों के कर्ज माफी के साथ कमलनाथ सरकार में गायों को लेकर भी खिंचतान जारी है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कमलाथ को गायों की रक्षा करने की बात कहीं और कहा कि वे सच्चे गौ भक्त बनकर दिखाएं। दिग्विजय ने ट्विट कर कहा कि, भोपाल-इंदौर हाइवे पर अवारा गाय बैठी रहती है। लगभग हर दिन एक्सिडेंट में मारी जाती है। मप्र शासन को तत्काल इन आवारा गौ माता को सड़कों से हटाकर गौ अभ्यरण या गौशालाओं में भेजना चाहिए। अगर कमलनाथ जी अपने तत्काल ऐसा कर दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जाएंगे और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीयत मिलेगी।
यह चित्र है भोपाल इंदौर हायवे का जहॉं आवारा गऊ माता बैठी रहती हैं और लगभग हर दिन ऐक्सिडेंट में मर जाती हैं। कहॉं हैं हमारे गौ माता प्रेमी गौ रक्षक? मप्र शासन को तत्काल इन आवार गौ मात को सड़कों से हटा कर गौ अभ्यरण या गौ शालाओं में भेजना चाहिये। pic.twitter.com/LC6sxPq9Xr
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 11, 2019
यदि कमल नाथ जी आपने तत्काल ऐंसा कर के दिखा दिया तो आप सच्चे गौ भक्तों में गिने जायेंगे, और तथा कथित भाजपाई नेताओं को नसीयत मिलेगी।
— digvijaya singh (@digvijaya_28) October 11, 2019
सीएम नाथ ने ट्विटर पर दिया जवाब
दिग्विजय सिंह ने गाय सुरक्षा पर किए गए ट्विट पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब दिया है। उन्होंने लगातार चार ट्वीट किए। सीएम ने कहा कि गौमाता राजनीति नहीं बल्कि आस्था व गौरव का प्रतीक है। कमलाथ ने अपने ट्वीट में दिग्वजय सिंह को टैग भी किया।
प्रिय @digvijaya_28 जी , आपने भोपाल- इंदौर हाईवे पर बैठी, दुर्घटना का शिकार हो रही गौमाता का ज़िक्र किया।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 11, 2019
इनको लेकर सरकार को कुछ करना चाहिये तो आपकी जानकारी के लिये बता दूँ कि मैंने अभी कुछ दिनो पूर्व ही प्रदेश के सभी प्रमुख मार्गों पर ,
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जहाँ बरसात के मौसम में खेतो की मिट्टी गीली होने की वजह से गौमाता सड़कों पर आकर बैठती है और वाहन दुर्घटना का शिकार होती है , उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताते हुए अधिकारियों को एक कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 11, 2019
1000 गौशालाओं का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है।
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अगले वर्ष तक 3000 गौशालाएँ बनाने का लक्ष्य है।गौशाला बनने के बाद ही गौमाता के सड़कों पर बैठने पर कमी आयेगी।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 11, 2019
मैं इसको लेकर ख़ुद चिंतित हुँ।
हम प्रमुख शहरों को आवारा पशु मुक्त बनाने की योजना पर भी काम कर रहे है।
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यह भी सच है कि हमारे लिये गौमाता सिसायत नहीं आस्था व गौरव का प्रतीक है।
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 11, 2019
गौमाता की रक्षा व संवर्धन के लिये जो कार्य वर्षों में नहीं हो पाये है , वह हम करना चाहते है।
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Created On :   12 Oct 2019 12:12 PM IST