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आरक्षण मामले में हाईकोर्ट के फैसले पर सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, भाजपा ने 12 साल पहले बिना तैयारी के बढ़ाया था आरक्षण
डिजिटल डेस्क, रायपुर। बिलासपुर हाईकोर्ट द्वारा शैक्षणिक संसथाओंमें 58 प्रतिशत आरक्षण को असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद, सूबे में सियासत गरमा गई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस स्थित के लिए राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए बुधवार को यहां बड़ा बयान दिया। श्री बघेल ने कहा ’12 साल पहले भाजपा ने बिना तैयारी किए आरक्षण बढ़ाया था। इसका औचित्य कोर्ट के सामने साबित नहीं कर पाए। जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा है। उन्होंने कहा कि फैसले का अध्ययन करने के बाद हम सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 58 प्रतिशत आरक्षण के फैसले को हाईकोर्ट द्वारा रिवर्ट किए जाने से यहां के लोगों का नुकसान है। यहां की जो जनसंख्या है, उसके आधार पर उन्हें आरक्षण नहीं दिया गया है। लेकिन भाजपा ने बिना तैयारी उसको लागू कर दिया था, जिसका खामियाजा यहां के लोगों को भुगतना पड़ा है। भाजपा द्वारा लगाए गए इस आरोप कि ‘आरक्षण मामले में बचाव के लिए अदालत में कोई बड़ा वकील नहीं खड़ा कर पाए’, मुख्यमंत्री ने कहा भाजपा अपने समय का भी निकाल कर देख ले। इस मामले में कब-कब उसने कितने-कितने वकील खड़े किए थे। वे 15 साल सत्ता में रहे हैं, कितने वकीलों को खड़ा किए हैं बता दें।
देश में पहली बार चिटफण्ड व्यापक कार्रवाई कर 40 करोड़ रिकवरी की। मुख्यमंत्री ने चिटफंड कंपनियों के संबंध में कहा कि प्रदेश का करोड़ों रूपया लोगों ने लूट लिया। हमने योजनाबद्ध तरीके से चिटफण्ड कंपनियों पर कार्रवाई की है। सबसे पहले जिनसे ठगी हुई है, उनसे आवेदन लिया फिर विस्तार से काम हुआ। देश में पहली बार इस तरह से चिटफण्ड कंपनी पर कार्रवाई हुई। संपत्ति कुर्क हुई। 40 करोड़ की इनसे रिकवरी हुई। दूसरे राज्यों में इस पैसे का निवेश किया गया है। भारत सरकार को इससे अवगत कराया गया है, ताकि वहां से भी रिकवर हो। भारत सरकार से मांग की गई है कि इस पर जांच कराएं। हम एक बार पत्र लिख चुके हैं। अभी और लिखेंगे। महाराष्ट्र सरकार भी चिटफण्ड कंपनिों पर कार्रवाई करने हमारा मॉडल अपनाना चाहती हैे।
Created On :   21 Sept 2022 6:56 PM IST