मेडिकल रिपोर्ट में एक छोटी सी गलती की वजह से क्लेम नामंजूर

Claim rejected due to a minor mistake in the medical report
मेडिकल रिपोर्ट में एक छोटी सी गलती की वजह से क्लेम नामंजूर
बीमा... मेडिकल रिपोर्ट में एक छोटी सी गलती की वजह से क्लेम नामंजूर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बीमा क्लेम के लिए आवेदन पेश करते वक्त किसी प्रकार की गलती न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। एक छोटी सी गलती क्लेम नामंजूर होने का कारण बन सकती है। क्लेम के आवेदन में छोटी-छोटी गलतियों को आधार बनाकर क्लेम रिजेक्ट करने में बीमा कंपनियों को महारथ हासिल है। ऐसा ही एक मामला उजागर हुआ है।  क्लेम के साथ पेश दस्तावेज में एक छोटी सी गलती की वजह से वर्धमाननगर निवासी नितीन लखानी बीमा कंपनी द्वारा बीमा लाभ के लिए अयोग्य करार दे दिए गए। उन्होंने मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस से पॉलिसी खरीदी थी। प्राप्त जानकारी के मुताबिक उनका 5 वर्षीय पुत्र सिद्धांत लखानी अक्टूबर माह में अचानक बुखार से ग्रस्त हो गया। 28 अक्टूबर 2022 को नितीन द्वारा सिद्धांत को उपचार के लिए चरडे क्लिनिक में ले जाया गया। सिद्धांत को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, यह जानकर डॉ. गिरीश चरडे ने उसे अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी। 29 अक्टूबर को नितीन ने सिद्धांत को धंतोली स्थित न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में दाखिल कराया। यहां 3 दिन उपचार के बाद स्वस्थ होने पर 2 नवंबर 2022 को सिद्धांत को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके बाद जब नितीन द्वारा चिकित्सा खर्च की रकम हासिल करने के लिए मणिपाल सिग्ना हेल्थ इंश्योरेंस में क्लेम किया गया, तो बीमा कंपनी ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया।

चार माह से काट रहे चक्कर  : बीमा कंपनी से बीमा लाभ (35850) पाने के लिए जब उन्होंने आवेदन किया तो कंपनी ने क्लेम रिजेक्ट कर दिया। क्लेम रिजेक्ट करने का कारण बताया गया कि सिद्धांत की बीमारी 3 साल पुरानी है, जबकि चिकित्सक द्वारा स्पष्ट कहा गया है कि सिद्धांत को केवल 3 दिन तक ही उपचारार्थ अस्पताल में रखा गया था। पिछले करीब 4 माह से नितीन बीमा कंपनी के अधिकारियों से संपर्क कर चिकित्सक द्वारा की गई भूल से उन्हें अवगत कराने का प्रयास कर रहा है, लेकिन उसे न्याय नहीं मिल रहा। अब नितीन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में शिकायत करने की तैयारी कर रहा है।

3 दिन के बजाय 3 साल लिखा था : न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के डॉक्टर द्वारा जारी डिस्चार्ज कार्ड में सिद्धांत की बीमारी 3 दिन पूर्व के बजाय 3 वर्ष पूर्व की लिखी गई। इस डिस्चार्ज कार्ड में हुई गलती स्वीकार करते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा संशोधित डिस्चार्ज कार्ड व भूल सुधार संबंधी पत्र भी जारी किया गया। बावजूद इसके बीमा कंपनी द्वारा पीड़ित को बीमा लाभ देने से इनकार कर दिया गया। नितीन लखानी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि उनका परिवार मणीपाल सिग्ना कंपनी पॉलिसी क्र. 100800009515/01/00 का धारक है। इस पॉलिसी में नितीन दिलीप लाखानी, पत्नी सोना नितीन लाखानी, पुत्र सिद्धांत व पुत्री कनिष्का के नाम दर्ज हैं। सिद्धांत के उपचार में कुल 35850 रुपए खर्च हुए। 

इस नंबर पर समस्या बताएं : स्वास्थ्य बीमा से संबंधित किसी भी तरह की समस्या आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर के मोबाइल क्र. 942216556 पर वाट्सअप कर सकते हैं। जरूरी प्रमाण भी भेजें।
 

Created On :   18 April 2023 9:58 AM IST

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